Anger Side Effects: ज्यादा गुस्सा दिल के लिए हो सकता है खतरनाक! जानिए कैसे सेहत को हो सकता है बड़ा नुकसान

Anger Side Effects: गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बीच तनाव से भरी जिंदगी में गुस्सा एक आम प्रतिक्रिया बन चुका है। ऑफिस की डेडलाइन्स, ट्रैफिक की झुंझलाहट या फिर घरेलू कलह ये सब हमारे मूड को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बार-बार गुस्सा करना सिर्फ आपके रिश्तों को ही नहीं, बल्कि आपके दिल को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है? हाल ही में की गई कई मेडिकल स्टडीज़ यह साबित कर चुकी हैं कि गुस्सा और तनाव का सीधा संबंध हृदय रोगों से है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक क्रोध से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (जैसे कोर्टिसोल और एड्रेनालिन) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे रक्तचाप और हृदय की धड़कन तेज हो जाती है। यह स्थिति हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती है और लंबे समय तक यही स्थिति बनी रहे तो हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने गुस्से को सिर्फ एक भावनात्मक प्रतिक्रिया न मानें, बल्कि इसे एक स्वास्थ्य जोखिम के रूप में भी देखें।
गुस्से और दिल के बीच का वैज्ञानिक संबंध
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों को बार-बार गुस्सा आता है या जो छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाते हैं, उनमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) का जोखिम 2 गुना अधिक होता है। दरअसल, जब हम गुस्से में होते हैं तो हमारी नसें संकुचित हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यह स्थिति हृदय को अधिक काम करने के लिए मजबूर करती है, जिससे हार्ट मसल्स पर तनाव पड़ता है।
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इसके अलावा, अत्यधिक गुस्से की स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग की आशंका भी बढ़ जाती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की एक स्टडी के अनुसार, गुस्से के तुरंत बाद अगर कोई व्यक्ति पहले से हृदय रोग से पीड़ित है, तो उसे अगले दो घंटे में हार्ट अटैक आने की आशंका अधिक होती है। इसलिए, यह सिर्फ मानसिक स्थिति नहीं बल्कि एक मेडिकल इमरजेंसी भी बन सकती है।
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क्या है समाधान?
गुस्से को नियंत्रण में रखने के लिए योग, मेडिटेशन, नियमित व्यायाम और गहरी सांस लेने की तकनीकों का सहारा लिया जा सकता है। इसके अलावा, प्रोफेशनल काउंसलिंग और थैरेपी से भी गुस्से की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही यह भी जरूरी है कि व्यक्ति अपने ट्रिगरिंग फैक्टर्स को पहचाने और उनका हल शांतिपूर्ण ढंग से निकाले।
गुस्सा अगर बार-बार और अनियंत्रित रूप से आता है, तो यह न केवल मानसिक शांति को छीनता है बल्कि दिल के लिए भी घातक बन सकता है। इसलिए वक्त रहते अपने गुस्से को नियंत्रित करना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही हृदय को स्वस्थ रखने का सबसे बेहतर तरीका है।
(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)