Piles and Fissure: पाइल्स-फिशर की हो गई है शुरुआत? लाइफस्टाइल में 5 बदलाव दिला सकते हैं राहत

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लाइफस्टाइल में बदलाव से पाइल्स-फिशर में मिलेगी राहत।

Piles and Fissure: पाइल्स और फिशर एक गंभीर बीमारी है। इसे शुरुआत में ही पहचान लिया जाए तो जल्द राहत मिल सकती है।

Piles and Fissure: पाइल्स (बवासीर) और फिशर आजकल बेहद आम समस्या बन चुकी हैं। गलत खानपान, लंबे समय तक बैठना, पानी की कमी और तनाव जैसी आदतें इस परेशानी को और बढ़ा देती हैं। शुरुआत में हल्की खुजली या जलन के लक्षण नजर आते हैं, लेकिन अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये दर्दनाक स्थिति में बदल सकती है।

अच्छी बात यह है कि शुरुआती स्टेज पर लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके पाइल्स और फिशर से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। न दवा की जरूरत, न सर्जरी की बस सही खानपान और दिनचर्या से यह समस्या धीरे-धीरे कंट्रोल में आ सकती है। आइए जानते हैं वो 5 असरदार बदलाव जो आपको इस दर्दनाक स्थिति से बचा सकते हैं।

पाइल्स-फिशर में लाइफस्टाइल बदलकर पाएं राहत

फाइबर युक्त आहार लें: पाइल्स और फिशर के मरीजों के लिए सबसे जरूरी है कि वे फाइबर से भरपूर डाइट लें। इसमें हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दालें और ओट्स शामिल करें। फाइबर मल को मुलायम बनाता है, जिससे टॉयलेट के वक्त दर्द या जलन नहीं होती। साथ ही कब्ज की समस्या भी खत्म हो जाती है।

दिनभर पर्याप्त पानी पिएं: कम पानी पीना पाइल्स की बड़ी वजहों में से एक है। शरीर में नमी की कमी से मल कठोर हो जाता है। इसलिए रोज़ाना कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी ज़रूर पिएं। चाहें तो नारियल पानी, सूप या छाछ जैसी हेल्दी लिक्विड चीज़ें भी शामिल करें।

नियमित व्यायाम और योग करें: लंबे समय तक बैठने से गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है। रोजाना 20-30 मिनट की वॉक या हल्का योग करने से ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और पाइल्स-फिशर का दर्द कम होता है। पवनमुक्तासन और मालासन जैसे योगासन खासतौर पर फायदेमंद हैं।

लंबे समय तक टॉयलेट पर न बैठें: टॉयलेट पर मोबाइल या अखबार पढ़ने की आदत छोड़ दें। लंबे समय तक बैठने से गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे पाइल्स और फिशर दोनों ही बढ़ सकते हैं। कोशिश करें कि टॉयलेट टाइम 5 मिनट से ज़्यादा न हो।

मसालेदार और जंक फूड से दूरी: तेल-मसालेदार या फास्ट फूड आंतों में जलन बढ़ाते हैं। इनकी जगह उबला या ग्रिल्ड खाना खाएं। साथ ही कैफीन और शराब का सेवन कम करें क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं और समस्या को और बढ़ाते हैं।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)

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