क्या लिवर डिटॉक्स के लिए मददगार है कॉफी? जानिए पीने का सही समय

Coffee for Liver Detox (Image: Grok)
जब भी हम "डिटॉक्स" शब्द सुनते हैं, दिमाग में सबसे पहले जूस, ग्रीन टी या हल्दी पानी का ख्याल आता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी रोज की कॉफी भी लिवर डिटॉक्स में अहम भूमिका निभा सकती है? जिस कॉफी को कई लोग केवल नींद भगाने या थकान दूर करने का जरिया मानते हैं, वो लिवर के लिए एक हेल्दी बूस्टर भी हो सकती है। अगर इसे सही मात्रा और सही समय पर पिया जाए तो ये कमाल कर सकती है।
कॉफी लिवर के लिए फायदेमंद क्यों है
कॉफी में कई बायोएक्टिव कंपाउंड्स होते हैं जैसे कि कैफीन, क्लोरोजेनिक एसिड और पॉलीफेनॉल्स, जो शरीर में सूजन कम करते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ते हैं। ये सभी लिवर की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं और लिवर फंक्शन को बेहतर बनाते हैं।
कॉफी कैसे करती है लिवर डिटॉक्स में मदद
एन्टीऑक्सिडेंट गुण
- कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स लिवर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
फैटी लिवर से सुरक्षा
- रिसर्च के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से कॉफी पीते हैं, उनमें नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) होने की संभावना कम होती है।
फाइब्रोसिस और सिरोसिस को रोकना
- कॉफी लिवर फाइब्रोसिस यानी लिवर में स्कार टिशू बनने की प्रक्रिया को धीमा करती है, जो आगे चलकर सिरोसिस का रूप ले सकती है।
एंजाइम लेवल पर असर
- कॉफी पीने वालों के लिवर एंजाइम्स (जैसे ALT और AST) का स्तर अक्सर नॉर्मल पाया गया है, जो लिवर की अच्छी सेहत का संकेत है।
कॉफी पीने का सही समय क्या है
- नाश्ते के बाद कॉफी पीना सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और लिवर एक्टिव रहता है।
- खाली पेट कॉफी पीने से एसिडिटी और लिवर पर हल्का दबाव पड़ सकता है।
- देर शाम या रात में कॉफी पीने से नींद खराब हो सकती है, जिससे शरीर का नेचुरल डिटॉक्स सिस्टम प्रभावित होता है।
डॉक्टरों के अनुसार, दिन में 1 से 2 कप ब्लैक कॉफी बिना चीनी के लिवर हेल्थ के लिए सुरक्षित और फायदेमंद मानी जाती है। ज़रूरत से ज्यादा कैफीन नुकसानदेह हो सकता है।
(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, अगर कैफीन से किसी तरह की दिक्कत है तो डॉक्टर की सलाह के बिना कॉफी को हाथ भी न लगाएं।
