Health Tips: सुबह-सुबह घास में चलने के कई फायदे, जानिए किस वक्त चलना चाहिए

सुबह की ताजी हवा, चिड़ियों की चहचहाहट और हरे भरे पार्क की खुली हवा में कुछ मिनट नंगे पांव घास पर चलना, यह सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि शरीर और दिमाग को रिचार्ज करने का नेचुरल तरीका है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जहां लोग मानसिक तनाव, हाई बीपी, आंखों की थकान और नींद की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं सुबह-सुबह घास पर चलना एक ऐसी आदत है जो बिना किसी दवा के आपको अंदर से हेल्दी बना सकती है। दादी-नानी की बातों में अक्सर सुनने को मिलता था कि "घास पर चलने से आंखें तेज होती हैं", लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे कितनी वैज्ञानिक सच्चाई है?
आंखों के लिए फायदेमंद
सुबह के समय ताजी घास पर नंगे पांव चलने से पैरों के उन एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है जो आंखों से जुड़े होते हैं। इससे आंखों की रोशनी में सुधार हो सकता है और थकान भी कम होती है। लगातार स्क्रीन देखने वालों के लिए ये एक बेहतरीन नैचुरल थेरेपी है।
मेंटल स्ट्रेस करता है कम
जब आप हरी-भरी घास पर नंगे पांव चलते हैं, तो धरती से एक नेचुरल एनर्जी मिलती है जिसे "ग्राउंडिंग" कहा जाता है। यह तनाव कम करने, मूड को बेहतर करने और डिप्रेशन की संभावना को घटाने में मदद करता है। सुबह की शांत हवा और प्रकृति का साथ दिमाग को रिलैक्स करने का बेहतरीन तरीका है।
ब्लड सर्कुलेशन करता है बेहतर
नंगे पांव चलने से पैरों की नसों में ब्लड फ्लो बेहतर होता है और इससे पूरे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर या थकान की समस्या रहती है।
डायबिटीज और हार्ट हेल्थ के लिए असरदार
सुबह की सैर और खासकर घास पर चलना शुगर लेवल को बैलेंस करने में मदद करता है। पैरों पर दबाव के चलते पैनक्रियाज एक्टिव होता है और इससे इंसुलिन प्रोडक्शन में सुधार हो सकता है। वहीं, रोजाना यह आदत हृदय रोग की संभावना भी घटा सकती है।
पाचन तंत्र को करता है मजबूत
पैरों के तलवों में कुछ ऐसे प्रेशर पॉइंट्स होते हैं जो पाचन तंत्र से जुड़े होते हैं। सुबह-सुबह जब इन पॉइंट्स पर नेचुरल दबाव पड़ता है तो पाचन क्रिया बेहतर होती है और गैस, अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं।
किस वक्त चलना चाहिए?
सुबह 5:30 से 7:00 बजे के बीच का समय सबसे बेहतर होता है। इस वक्त हवा ताजा होती है, धूप हल्की होती है और घास पर ओस की बूंदें होती हैं जो स्किन को भी रिफ्रेश करती हैं।
(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्ट नहीं करता, अगर आपको किसी तरह से समस्या है तो डॉक्टर की सलाह के बिना घास में न चलें।