Health Tips: क्या डार्क चॉकलेट पीरिड्स के दर्द को करती है कम, जानिए क्या है सच

Health Tips: चॉकलेट से मिलने वाला सुकून किसे पसंद नहीं होता, खासकर जब पीरियड्स के दौरान डार्क चॉकलेट लेने की बात चल रही है। लेकिन क्या सच में डार्क चॉकलेट पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करती है, या यह सिर्फ हमारी ख्वाहिशों का मन बहलाने वाला बहाना है? आइए जानते हैं कि, आखिर सच्चाई क्या है।
मासिक धर्म के दर्द का कारण
पीरियड्स में ऐंठन या क्रैम्प्स का मुख्य कारण होता है प्रोस्टाग्लैंडिन नामक रसायन का बढ़ना। ये हार्मोन जैसे पदार्थ गर्भाशय की मांसपेशियों को सिकोड़ने में मदद करते हैं, जिससे रक्तस्त्राव सुचारू रूप से होता है। लेकिन जब इन प्रोस्टाग्लैंडिन का स्तर अधिक हो जाता है, तो मांसपेशियों के अति-संकुचन से दर्द और ऐंठन होती है।
डार्क चॉकलेट में क्या खास है?
डार्क चॉकलेट मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, जो मांसपेशियों को शिथिल करने में मदद करता है। पीरियड्स के दौरान मैग्नीशियम की कमी से ऐंठन बढ़ सकती है, जबकि पर्याप्त मैग्नीशियम से मांसपेशियां रिलैक्स रहती हैं। डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स सूजन-रोधी गुण प्रदान करते हैं। सूजन में कमी आने से दर्द में राहत मिल सकती है।
डार्क चॉकलेट क्यों टेंशन कम करता है?
इसमें सेरोटोनिन प्रीकरसर ट्रिप्टोफान और मेलाटोनिन होता है, जो मूड को बेहतर बनाकर तनाव घटाता है। तनाव और दर्द का गहरा नाता होता है; जब मन शांत रहता है, तो शरीर को दर्द का एहसास कम होता है।
कैसे करें सेवन
- दिन में एक या दो छोटे टुकड़े (20-30 ग्राम): अत्यधिक सेवन से कैलोरी और शुगर बढ़ सकती है।
- गरम मिल्क या हर्बल टी के साथ: इससे शरीर को थर्मल आराम भी मिलता है, जो ऐंठन में मददगार है।
सावधानिया जरूर रखें
शुगर लेवल: यदि आपको डायबिटीज़ या ग्लूकोज असंतुलन की समस्या है, तो कम शुगर विकल्प चुनें।
कैलोरी कंट्रोल: अधिक मात्रा में कैलोरी बढ़ा सकती है, जिससे वजन नियंत्रण मुश्किल हो सकता है।
एलर्जी: कुछ लोगों को कोकोआ या दूध से एलर्जी हो सकती है।
(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टी नहीं करता, अगर आपको मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दर्द होता है तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
