Monsoon Snack Alert: बारिश के साथ पकोड़े और चाय का प्यार, सेहत हो रही है लाचार!

बारिश की रिमझिम फुहारें, ठंडी हवाएं और मिट्टी की सौंधी खुशबू, ऐसे में अगर गरमा-गरम चाय के साथ प्लेट में पकोड़े न हों, तो मौसम अधूरा सा लगता है। भारत में मानसून का नाम सुनते ही दिमाग में जो पहली तस्वीर बनती है, उसमें पकोड़े और चाय की जोड़ी जरूर शामिल होती है। चाहे वह आलू के पकोड़े हों, प्याज के या फिर मिर्ची वाले, बारिश के मौसम में हर कोई इन्हें खाने से खुद को रोक नहीं पाता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वाद भरा रोमांस आपकी सेहत को खराब कर रहा है? बरसात के मौसम में नमी और तापमान की अस्थिरता के कारण हमारी पाचन क्षमता पहले ही कमजोर हो जाती है और ऐसे में तले-भुने स्नैक्स का सेवन स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
पकोड़े और चाय
बारिश होते ही पकोड़े तलने की आवाज और चाय की सोंधी खुशबू हर घर में गूंजने लगती है। ये दोनों ही आइटम्स न सिर्फ स्वाद में जबरदस्त होते हैं, बल्कि मूड को भी़ खुश कर देते हैं। लेकिन हर बार स्वाद के पीछे भागना समझदारी नहीं होती।
चाय के साथ तले पकोड़े कैसे नुकसान पहुंचाते हैं
पकोड़ों के साथ गर्म चाय पीना एक आम आदत है, लेकिन ये कॉम्बिनेशन आपके शरीर में आयरन के अवशोषण को कम कर सकता है। चाय में मौजूद टैनिन्स, आयरन और अन्य जरूरी पोषक तत्वों को शरीर में ठीक से मिलने नहीं देते। खासकर महिलाओं और एनीमिया से पीड़ित लोगों को यह आदत नुकसान पहुंचा सकती है।
पाचन तंत्र पर पड़ता है सीधा असर
मानसून में वातावरण में नमी अधिक होती है, जिससे पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है। ऐसे समय में ज्यादा ऑयली और डीप फ्राइड चीज़ें खाना गैस, अपच, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। साथ ही ये वजन बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने का भी कारण बन सकते हैं।
मानसून में क्या करना चाहिए
हफ्ते में सिर्फ एक बार ही डीप फ्राइड चीजें खाएं।
पकोड़े तलने में पुराने तेल का इस्तेमाल न करें।
हरी चटनी या दही के साथ पकोड़े खाएं, जिससे पाचन में सहायता मिले।
चाय में शक्कर की मात्रा सीमित करें या हर्बल विकल्प आजमाएं।
(Disclaimer): यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह देना नहीं है। इसमें दी गई जानकारी घरेलू उपायों और सामान्य स्वास्थ्य सुझावों पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या लक्षण के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
