Chana Dal: किन लोगों को नहीं खाना चाहिए चने की दाल? इस लिस्ट में आप भी तो नहीं, कर लें चेक

चना दाल खाने के नुकसान।
Chana Dal Side Effects: दालें भारतीय थाली का अहम हिस्सा हैं और इनमें चने की दाल भी बहुत पॉपुलर है। चना दाल में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसे खाने से शरीर में एनर्जी बढ़ती है और पाचन को बेहतर करने में मदद मिलती हैं। हालांकि, हर हेल्दी चीज सभी के लिए सही नहीं होती। कुछ लोगों को चने की दाल खाने से नुकसान भी हो सकता है।
दरअसल, चने की दाल भले ही सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन कुछ हेल्थ कंडीशन्स में इसे खाने से बचना चाहिए। वरना यह पेट से जुड़ी परेशानियों से लेकर गंभीर बीमारियों तक को बढ़ा सकती है। आइए जानते हैं किन लोगों को चने की दाल खाने से परहेज करना चाहिए।
6 हेल्थ कंडीशन में न खाएं चना दाल
किडनी मरीज: किडनी से जुड़ी समस्या होने पर चने की दाल से दूरी बनानी चाहिए। चना दाल में मौजूद प्रोटीन और पोटैशियम किडनी पर एक्स्ट्रा प्रेशर डाल सकते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। डॉक्टर अक्सर ऐसे मरीजों को लो-प्रोटीन डाइट की सलाह देते हैं।
गठिया के मरीज: गठिया (अर्थराइटिस) से पीड़ित लोगों को चने की दाल परेशानी बढ़ा सकती है। इसमें मौजूद कंपाउंड शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा सकते हैं, जिससे जोड़ों का दर्द और सूजन बढ़ने की आशंका रहती है।
वीक डाइजेशन वाले लोग: जिन लोगों को गैस, एसिडिटी या पेट फूलने की समस्या रहती है, उन्हें चने की दाल सीमित मात्रा में ही खानी चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर और स्टार्च पचने में समय लेते हैं, जिससे पेट में भारीपन और अनकंफर्टेबिलिटी हो सकती है।
एलर्जी वाले लोग: कुछ लोगों को दालों से एलर्जी होती है। ऐसे लोगों में चने की दाल खाने के बाद खुजली, स्किन रैशेज, गले में खराश या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए एलर्जी के मरीज डॉक्टर की सलाह के बिना इसे न खाएं।
शुगर मरीज: दालें डायबिटीज के मरीजों के लिए वैसे तो फायदेमंद मानी जाती हैं, लेकिन चने की दाल में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है। अगर शुगर मरीज इसे ज्यादा मात्रा में खाएं, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। ऐसे में इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
ज्यादा वजन वाले लोग: वजन कम करने वालों को अक्सर हाई-प्रोटीन डाइट की सलाह दी जाती है, लेकिन चने की दाल का ज्यादा सेवन कैलोरी इनटेक बढ़ा सकता है। अगर कंट्रोल न किया जाए तो यह वजन घटाने की बजाय बढ़ाने का कारण बन सकती है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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