Thyroid Symptoms: मूड स्विंग, डिप्रेशन की वजह हो सकती है थायराइड की बीमारी, 5 संकेत की न करें अनदेखी

थायराइड की बीमारी के शुरुआत लक्षण।
Thyroid Symptoms: थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जो गले के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायरॉक्सिन (T4) और ट्रायआयोडोथायरोनिन (T3) नामक हार्मोन बनाती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज़्म यानी चयापचय को नियंत्रित करते हैं। जब इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी होती है, तो थायराइड की बीमारी सामने आती है। यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है और अक्सर उम्र के साथ इसका खतरा बढ़ता है।
थायराइड के दो प्रमुख प्रकार होते हैं हाइपोथायराइडिज्म (थायराइड हार्मोन की कमी) और हाइपरथायराइडिज्म (थायराइड हार्मोन की अधिकता)। दोनों ही स्थितियों में शरीर पर असर डालने वाले कई लक्षण सामने आते हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि थायराइड की बीमारी को समय रहते पहचानकर और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके शुरुआती लक्षण और इससे बचने के आसान उपाय।
थायराइड के शुरुआती लक्षण
लगातार थकान और कमजोरी:
थायराइड की समस्या में सबसे आम लक्षण है – बिना किसी भारी काम के भी थकावट महसूस होना। अगर आप पर्याप्त नींद लेने के बावजूद खुद को थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह हाइपोथायराइडिज्म का संकेत हो सकता है।
वजन में अचानक बदलाव:
बिना किसी वजह के वजन का बढ़ना या घट जाना भी थायराइड असंतुलन का लक्षण हो सकता है। हाइपोथायराइडिज्म में वजन बढ़ता है, जबकि हाइपरथायराइडिज्म में तेजी से वजन घटने लगता है।
मूड स्विंग और डिप्रेशन:
थायराइड हार्मोन का असर दिमाग पर भी पड़ता है। इसका असंतुलन तनाव, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और चिंता जैसी मानसिक समस्याएं पैदा कर सकता है।
बालों का झड़ना और त्वचा में रूखापन:
थायराइड के मरीजों में बाल तेजी से झड़ने लगते हैं और त्वचा बेजान व रूखी हो जाती है। खासकर सिर के आगे के हिस्से के बालों का झड़ना आम होता है।
मासिक चक्र में अनियमितता:
महिलाओं में थायराइड का सीधा असर मासिक धर्म पर भी पड़ता है। पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं या अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या हो सकती है।
थायराइड से बचाव के उपाय
आयोडीन युक्त नमक का सेवन करें:
थायराइड ग्रंथि को सही ढंग से काम करने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है। इसलिए खाने में आयोडीन युक्त नमक का नियमित सेवन करें।
तनाव को नियंत्रित करें:
लंबे समय तक बना रहने वाला मानसिक तनाव थायराइड की बीमारी को ट्रिगर कर सकता है। मेडिटेशन, योग और नियमित व्यायाम से तनाव को कम किया जा सकता है।
संतुलित और पौष्टिक आहार लें:
भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स, और साबुत अनाज शामिल करें। थायराइड की कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखने के लिए विटामिन बी, सेलेनियम और जिंक जरूरी होते हैं।
रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं:
यदि परिवार में थायराइड का इतिहास है या ऊपर बताए गए लक्षण दिख रहे हैं, तो थायराइड फंक्शन टेस्ट (T3, T4, TSH) कराना जरूरी है। शुरुआती जांच से बीमारी को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
कैफीन और जंक फूड से बचें:
थायराइड के मरीजों को कैफीन, अत्यधिक शक्कर और प्रोसेस्ड फूड से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि ये हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकते हैं।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)