Heart Attack Symptoms: हार्ट अटैक से पहले दिख सकते हैं 5 संकेत, पहचान कर तत्काल हो जाएं अलर्ट

हार्ट अटैक से पहले दिखने वाले संकेत।
Heart Attack Symptoms: हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा, एक ऐसा मेडिकल इमरजेंसी है जो अक्सर बिना चेतावनी के आता है और जानलेवा साबित हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर इस संकट से पहले कुछ संकेत जरूर देता है। दुर्भाग्यवश, हममें से कई लोग इन चेतावनियों को अनदेखा कर देते हैं या मामूली समझकर टाल देते हैं, जो आगे चलकर भारी पड़ सकता है।
आज की तेज़ रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, और यह सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई हैं। 30 से 40 की उम्र में भी लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम शरीर के संकेतों को पहचानें और समय रहते सतर्क हो जाएं।
हार्ट अटैक से पहले 5 संकेत
सीने में दर्द या भारीपन
हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण सीने में दर्द, जलन या दबाव महसूस होना है। यह दर्द कुछ मिनटों तक बना रह सकता है और बाएं कंधे, गर्दन या हाथों तक भी फैल सकता है। इसे अक्सर गैस या थकान समझ लिया जाता है, लेकिन यदि बार-बार ऐसा हो रहा है, तो तुरंत जांच कराएं।
सांस फूलना
यदि बिना मेहनत के भी सांस फूल रही है या थोड़ी देर चलने पर दम फूल जाता है, तो यह हृदय में ब्लड सर्कुलेशन कम होने का संकेत हो सकता है। यह लक्षण दिल की कमजोरी और संभावित हार्ट अटैक की ओर इशारा करता है।
अत्यधिक थकान महसूस होना
यदि आपको सामान्य कार्यों में भी अत्यधिक थकावट महसूस होती है, तो इसे हल्के में न लें। हार्ट अटैक से पहले दिल शरीर के अंगों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचा पाता, जिससे कमजोरी और थकान बढ़ती है।
ठंडा पसीना आना
बिना गर्मी के या कोई शारीरिक मेहनत किए बगैर ठंडा पसीना आना हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। यह शरीर में स्ट्रेस रेस्पॉन्स के कारण होता है और इसे नज़रअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द
महिलाओं में खासकर हार्ट अटैक के लक्षण पारंपरिक नहीं होते। उनके केस में गर्दन, पीठ या जबड़े में अचानक दर्द हो सकता है, जो सीने से जुड़ा हुआ नहीं लगता, लेकिन यह भी दिल की तकलीफ का संकेत हो सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण यदि समय रहते पहचान लिए जाएं, तो जान बचाई जा सकती है। यदि उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी बार-बार दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जागरूकता और सतर्कता ही इस गंभीर बीमारी से बचाव की सबसे पहली सीढ़ी है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
