Screen Time: घंटों मोबाइल देखने से शुरू हो सकती हैं 5 परेशानियां, भूलकर भी न करें ये गलती

long screen time side effects
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घंटों मोबाइल देखने के नुकसान।

Screen Time Side Effects: घंटों तक टीवी या मोबाइल देखना सिर्फ आंखों को ही नुकसान नहीं पहुंचाता है। इससे अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।

Screen Time Side Effects: आज की डिजिटल लाइफ में मोबाइल हमारे हर काम का साथी बन गया है लेकिन जब यही दोस्त हमारी सेहत का दुश्मन बन जाए, तो सावधान होना ज़रूरी है। घंटों तक मोबाइल स्क्रीन को निहारना सिर्फ आंखों को ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।

रिसर्च के मुताबिक, लगातार मोबाइल इस्तेमाल करने वालों में नींद की कमी, सिरदर्द और आंखों से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। लंबे समय तक स्क्रीन पर नजरें गड़ाए रखना धीरे-धीरे लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का कारण बन सकता है। अगर आप भी दिनभर मोबाइल से चिपके रहते हैं, तो इन परेशानियों से अलर्ट रहें।

घंटों मोबाइल देखने के नुकसान

आंखों की रोशनी पर असर: लगातार स्क्रीन देखने से आंखों पर नीली रोशनी (ब्लू लाइट) का असर पड़ता है, जिससे आंखें जल्दी थक जाती हैं। ड्राई आई, जलन और धुंधलापन जैसी समस्या आम हो जाती है। इससे आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से आंखों में दर्द और सिरदर्द की दिक्कत भी हो सकती है।

नींद न आने की समस्या: रात में मोबाइल देखने से ब्रेन को मिलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है, जो नींद लाने के लिए ज़िम्मेदार है। इसका असर यह होता है कि नींद देर से आती है या बीच में टूट जाती है। नींद की कमी से शरीर थका हुआ और दिमाग सुस्त महसूस करता है।

तनाव और चिंता बढ़ना: लगातार नोटिफिकेशन, सोशल मीडिया अपडेट और चैटिंग से दिमाग को आराम नहीं मिल पाता। इससे मस्तिष्क में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो तनाव और बेचैनी का कारण बनता है। मोबाइल की लत इंसान को चिड़चिड़ा और कम फोकस्ड बना देती है, जिससे मानसिक थकान बढ़ती जाती है।

गर्दन और पीठ में दर्द: मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल 'टेक नेक सिंड्रोम' का कारण बनता है। लगातार झुककर स्क्रीन देखने से गर्दन और पीठ पर दबाव बढ़ जाता है। इससे सर्वाइकल दर्द और स्पाइन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। अगर लंबे समय तक यही स्थिति बनी रहे तो स्थायी दर्द की समस्या हो सकती है।

ध्यान और एकाग्रता में कमी: हर थोड़ी देर में मोबाइल चेक करने की आदत ध्यान को भटकाती है। इससे दिमाग छोटी-छोटी चीज़ों पर फोकस नहीं कर पाता। बच्चों और युवाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। इससे पढ़ाई और काम दोनों की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है, और निर्णय लेने की क्षमता भी कमजोर होती है।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)

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(लेखक:कीर्ति)

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