आप तो नहीं कर रहे ये गलती: रात में 6 घंटे से कम सोना पड़ सकता है भारी! जानिए 5 परेशानियां जो हो सकती हैं शुरू

रात में 6 घंटे से कम सोने के नुकसान।
Lack of Sleep Side Effects: आज की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में हम अक्सर अपनी नींद की क़ीमत भूल जाते हैं। काम का दबाव, मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया, सामाजिक जिम्मेदारियां—इन सबके बीच सही समय पर नींद पूरी करना एक चुनौती बन गया है। कई लोग सोचते हैं कि कम नींद से भी काम चल जाएगा, लेकिन असलियत इससे बिल्कुल उलट है। विशेषज्ञों की मानें तो रात में कम से कम 6 घंटे की नींद लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
नींद सिर्फ आराम करने का समय नहीं, बल्कि हमारे शरीर और दिमाग को ठीक से काम करने के लिए जरूरी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जब नींद पूरी नहीं होती, तो इसका असर न सिर्फ हमारी ऊर्जा पर पड़ता है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों और मानसिक परेशानियों को जन्म दे सकता है। इसलिए अगर आप भी रोज़ाना 6 घंटे से कम सोते हैं, तो यह आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
रात में 6 घंटे से कम नींद के 5 बड़े नुकसान
ध्यान और याददाश्त में कमी
नींद पूरी न होने पर हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं करता। इसका असर हमारी एकाग्रता और याददाश्त पर पड़ता है। पढ़ाई या काम के दौरान गलती होना, जरूरी बातों को भूल जाना आम बात हो सकती है।
दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ना
लगातार कम नींद लेने से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नींद हमारे दिल की सेहत को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
तनाव और डिप्रेशन
नींद की कमी से हमारे दिमाग में तनाव बढ़ता है और डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। यह हमारे मूड को भी खराब कर देता है जिससे हम जल्दी गुस्सा या उदास हो सकते हैं।
मोटापा और मेटाबॉलिज्म पर असर
कम नींद लेने से हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना होती है। भूख बढ़ती है और कैलोरी जलाने की प्रक्रिया कम हो जाती है।
इम्यूनिटी कमजोर होना
नींद पूरी न होने पर हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे हम बीमारियों का शिकार जल्दी हो जाते हैं। सही नींद लेने से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
रात में कम से कम 6 घंटे की नींद लेना सिर्फ आराम के लिए नहीं, बल्कि हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। अच्छी नींद से हमारा दिमाग तरोताजा रहता है, शरीर स्वस्थ रहता है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है। इसलिए अपनी दिनचर्या में बदलाव लाएं, स्क्रीन टाइम कम करें और सोने के समय का खास ख्याल रखें।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)
(कीर्ति)
