Sleeping Problem: देर रात तक जागना पड़ेगा भारी! 5 परेशानियां हो सकती हैं शुरू, जान लें इन्हें

Sleeping Problem: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में देर रात तक जागना एक आम बात हो गई है। कई लोग काम, सोशल मीडिया, ओटीटी या मोबाइल गेम्स में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि रात का वक्त कब बीत जाता है, उन्हें पता ही नहीं चलता। कुछ लोगों को तो यह आदत सी हो जाती है कि जब तक देर रात तक मोबाइल न चलाएं या फिल्म न देखें, नींद ही नहीं आती।
हालांकि, यह आदत दिखने में मामूली लग सकती है, लेकिन इसका असर शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर गहराई से पड़ता है। देर रात तक जागने से न सिर्फ नींद का चक्र बिगड़ता है, बल्कि हार्मोनल असंतुलन, इम्यूनिटी में गिरावट और मानसिक तनाव जैसी कई परेशानियां जन्म लेती हैं। आइए जानते हैं देर तक जागने की इस आदत से हमारे शरीर को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
नींद की गुणवत्ता में गिरावट
देर रात सोने से शरीर का नेचुरल स्लीप साइकल यानी सर्कैडियन रिद्म बिगड़ जाता है। इससे नींद अधूरी या बार-बार टूटने वाली हो जाती है। लंबे समय तक नींद की कमी से थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
नींद की कमी से डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसे मानसिक विकार बढ़ सकते हैं। मस्तिष्क को पर्याप्त आराम न मिलने के कारण मन शांत नहीं रहता और नकारात्मक सोच हावी होने लगती है।
वजन बढ़ना और मेटाबॉलिज्म गड़बड़ाना
देर रात तक जागने वालों में मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। इससे शरीर कैलोरीज़ को सही तरीके से बर्न नहीं कर पाता और वजन तेजी से बढ़ने लगता है। नींद की कमी से ghrelin हार्मोन बढ़ता है, जिससे भूख ज्यादा लगती है।
स्किन पर दुष्प्रभाव
नींद पूरी न होने से चेहरे पर थकावट, डार्क सर्कल्स और पिंपल्स जैसी समस्याएं दिखाई देने लगती हैं। स्किन की रिपेयरिंग रात के समय होती है और अगर आप जागते रहते हैं तो ये प्रक्रिया बाधित हो जाती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना
रात में देर तक जागने की आदत शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती है। इससे सर्दी-जुकाम, इंफेक्शन और अन्य बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। एक हेल्दी बॉडी के लिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूरी मानी जाती है।
रात में देर तक जागना धीरे-धीरे आपके शरीर और दिमाग दोनों को प्रभावित करता है। यह आदत अगर लंबे समय तक बनी रही तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। बेहतर जीवनशैली और समय पर सोने की आदत ही इसकी सच्ची दवा है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/ डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
