Curd With Poppy Seeds: दही-खसखस साथ खाने से हड्डियां बनेंगी फौलाद, शरीर को मिलेगी ठंडक, पढ़ें 5 फायदे

दही और खसखस साथ खाने के फायदे।
Curd With Poppy Seeds: भारतीय रसोई में दही और खसखस दोनों ही आमतौर पर उपयोग में लाए जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हें एक साथ सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है? यह संयोजन न केवल शरीर को ठंडक देता है, बल्कि कई रोगों से भी बचाव करता है। दही जहां प्रोबायोटिक गुणों से भरपूर होता है, वहीं खसखस में ओमेगा-6 फैटी एसिड, फाइबर और कैल्शियम पाया जाता है।
दही और खसखस का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और मानसिक तनाव को भी कम करने में सहायक होता है। गर्मियों में यह कॉम्बिनेशन शरीर को ठंडा रखता है और पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है। नीचे इनके पांच प्रमुख फायदों की जानकारी दी गई है, जो आपको इस सेहतमंद जोड़ी को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए प्रेरित करेंगे।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है
दही और खसखस का मिश्रण पेट के लिए अत्यंत लाभकारी है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स और खसखस का फाइबर पाचन क्रिया को सुचारू रखते हैं। यह गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। रोज़ाना इसका सेवन करने से पेट हल्का और साफ़ महसूस होता है।
मानसिक तनाव और अनिद्रा में राहत
खसखस में प्राकृतिक रूप से शांतिदायक गुण होते हैं जो अनिद्रा और चिंता जैसी समस्याओं में राहत देते हैं। जब इसे दही के साथ लिया जाता है, तो यह मस्तिष्क को ठंडक और आराम पहुंचाता है। रात को खाने के बाद इसका सेवन नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।
हड्डियों को बनाता है मजबूत
दही और खसखस दोनों ही कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक हैं। यह संयोजन गठिया, हड्डियों की कमजोरी और जोड़ों के दर्द में भी राहत पहुंचाता है। खासतौर पर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
दही और खसखस त्वचा को अंदर से पोषण देते हैं और बालों को भी मजबूत बनाते हैं। इसका सेवन त्वचा को नमी प्रदान करता है, जिससे त्वचा चमकदार और कोमल बनती है। खसखस में मौजूद ओमेगा फैटी एसिड बालों को गिरने से रोकते हैं और स्कैल्प को हेल्दी बनाए रखते हैं।
शरीर को ठंडक देता है
गर्मियों में दही और खसखस का सेवन शरीर को ठंडा रखने में बहुत कारगर होता है। यह गर्मी से उत्पन्न जलन, चक्कर और थकावट को कम करता है। लू से बचाव के लिए यह एक प्राकृतिक उपाय है। साथ ही, यह शरीर की ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)