Mental Health: स्ट्रेस कम करने में मदद करेंगे 5 आसान तरीके, मेंटल हेल्थ बनी रहेगी दुरुस्त

how to reduce stress
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तनाव घटाने के आसान तरीके।

Mental Health: फिजिकल के साथ ही मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाए रखना जरूरी होता है। इसी कड़ी में स्ट्रेस कम करने में कुछ तरीके मददगार हो सकते हैं।

Mental Health: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस यानी तनाव एक आम समस्या बन गई है। काम का प्रेशर, जिम्मेदारियां, रिश्तों की उलझन और अनिश्चितता के बीच दिमाग और शरीर दोनों थकने लगते हैं। लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव न सिर्फ मानसिक शांति को खत्म करता है, बल्कि नींद, भूख, और इम्यून सिस्टम पर भी असर डालता है।

हालांकि कुछ आसान तरीकों से स्ट्रेस को कंट्रोल किया जा सकता है। कुछ अच्छी आदतें अपनाकर आप अपने मन को शांत और एनर्जी लेवल को बैलेंस रख सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे तरीके जो न केवल तनाव कम करने में मदद करेंगे बल्कि आपकी मेंटल हेल्थ को भी दुरुस्त रखेंगे।

स्ट्रेस घटाने के 5 आसान टिप्स

मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग करें: दिन में सिर्फ 10 मिनट का मेडिटेशन या गहरी सांस लेने का अभ्यास दिमाग को रिलैक्स करता है। जब आप डीप ब्रीदिंग करते हैं, तो शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और दिमाग शांत रहता है। इससे फोकस बेहतर होता है और नकारात्मक विचारों से राहत मिलती है। सुबह या सोने से पहले इसे करना सबसे फायदेमंद रहता है।

रोजाना वॉक या योगा करें: फिजिकल एक्टिविटी स्ट्रेस को दूर करने का सबसे नेचुरल तरीका है। वॉकिंग, योगा या हल्का एक्सरसाइज करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जो मूड को बेहतर बनाता है। हर दिन कम से कम 20-30 मिनट तक टहलना या योग करना मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाता है।

कैफीन और स्क्रीन टाइम कम करें: ज्यादा चाय, कॉफी या मोबाइल स्क्रॉलिंग तनाव को बढ़ा सकती है। कैफीन से नर्वस सिस्टम ओवरएक्टिव हो जाता है, जिससे बेचैनी और नींद की दिक्कतें बढ़ती हैं। दिन में केवल 1-2 कप कॉफी लें और सोने से कम से कम 1 घंटे पहले फोन, लैपटॉप से दूरी बना लें।

नींद पूरी लें और रूटीन तय करें: अच्छी नींद दिमाग के लिए रीसेट बटन की तरह काम करती है। जब आप रोज एक ही समय पर सोते और उठते हैं, तो शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक बैलेंस रहता है। नींद की कमी स्ट्रेस हार्मोन 'कॉर्टिसोल' को बढ़ाती है, इसलिए हर दिन 7-8 घंटे की साउंड स्लीप जरूरी है।

बात करें, खुद को एक्सप्रेस करें: कभी-कभी सिर्फ अपनी बात कह देने से भी मन हल्का हो जाता है। अगर कोई बात परेशान कर रही है तो अपने किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से शेयर करें। जरूरत हो तो काउंसलर से मदद लें। मन में बातें दबाने से तनाव और बढ़ता है, इसलिए खुद को एक्सप्रेस करना बहुत जरूरी है।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)

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(लेखक:कीर्ति)

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