Digital Detox: घंटों देखते रहते हैं मोबाइल? डिजिटल डिटॉक्स के लिए अपनाएं ये 5 आसान तरीके

Digital Detox: आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारी जरूरत से ज़्यादा आदत बन चुका है। सुबह नींद खुलते ही सबसे पहले मोबाइल देखना और रात को सोने से पहले भी स्क्रीन पर आखिरी नज़र डालना हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि औसतन एक व्यक्ति दिनभर में 5 से 6 घंटे सिर्फ मोबाइल स्क्रीन पर बिता देता है, जो कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
इस लगातार स्क्रीन एक्सपोजर से आंखों में थकावट, नींद की कमी, एकाग्रता में गिरावट और मानसिक तनाव जैसे लक्षण सामने आते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम समय-समय पर डिजिटल डिटॉक्स करें यानी कुछ समय के लिए मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइस से दूरी बनाएं। यहां हम बता रहे हैं डिजिटल डिटॉक्स के 5 आसान लेकिन असरदार तरीके जिन्हें अपनाकर आप अपनी स्क्रीन की लत को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं।
नो-फोन टाइम स्लॉट तय करें
हर दिन कुछ घंटे मोबाइल फ्री ज़ोन बनाएं जैसे सुबह उठने के बाद एक घंटा और रात को सोने से एक घंटा पहले। इन समयों में मोबाइल को साइलेंट मोड पर रख दें या किसी दूसरे कमरे में रखें। यह आदत नींद और मानसिक शांति को सुधारने में काफी मदद करेगी।
स्क्रीन टाइम ट्रैक करें
मोबाइल में मौजूद ‘Screen Time’ या ‘Digital Wellbeing’ जैसे फीचर्स का इस्तेमाल करें ताकि आपको पता चले कि आप किन ऐप्स पर कितना समय बिता रहे हैं। इसके बाद आप गैरजरूरी ऐप्स पर लिमिट सेट कर सकते हैं और धीरे-धीरे उन्हें कम कर सकते हैं।
डिजिटल फास्टिंग करें
हर हफ्ते एक दिन या हर महीने दो दिन बिना मोबाइल के बिताने की कोशिश करें। इस दिन सोशल मीडिया, यूट्यूब, या गेमिंग से पूरी तरह दूरी बनाएं। इस खाली समय को परिवार, किताबें, वॉक या किसी शौक में लगाएं।
नोटिफिकेशन बंद करें
अधिकतर लोग हर नोटिफिकेशन पर तुरंत फोन चेक करते हैं, जिससे बार-बार ध्यान भटकता है। आप सोशल मीडिया, ईमेल और गेमिंग ऐप्स की नोटिफिकेशन बंद कर दें, इससे अनावश्यक स्क्रोलिंग से बचा जा सकता है।
फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं
जितना ज्यादा आप फिजिकल एक्टिविटी में रहेंगे, उतना कम आप स्क्रीन पर टाइम देंगे। वॉकिंग, योगा, आउटडोर गेम्स या किसी ग्रुप एक्टिविटी में हिस्सा लेकर डिजिटल डिवाइस से दूरी बनाई जा सकती है।
डिजिटल डिवाइसेज़ पूरी तरह छोड़ना शायद संभव न हो, लेकिन संतुलन बनाकर उनका उपयोग जरूर किया जा सकता है। थोड़ा डिजिटल डिटॉक्स न सिर्फ आपके दिमाग को रिचार्ज करता है बल्कि रिश्तों, फोकस और नींद को भी बेहतर बनाता है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/ डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
