Frequent Urination: बार-बार यूरिन आती है? 5 बीमारियों के हो सकते हैं लक्षण, फटाफट करें ये काम

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5 बीमारियों में बार-बार आती है यूरिन।

Frequent Urination: बार-बार पेशाब आना शरीर में होने वाले परेशानियों का एक संकेत हो सकता है। जानते हैं किन बीमारियों में फ्रिक्वेंट यूरिनेशन होने लगता है।

Frequent Urination: क्या आपको दिन में बार-बार पेशाब आने की समस्या हो रही है? अगर हां, तो इसे हल्के में न लें। सामान्य से अधिक बार पेशाब आना केवल ज्यादा पानी पीने का नतीजा नहीं हो सकता, यह कई गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। कई बार यह आदत दिन के साथ-साथ रात की नींद को भी प्रभावित करने लगती है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन और मानसिक अस्थिरता जैसे लक्षण सामने आते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार बार-बार यूरिनेशन की समस्या अगर लंबे समय तक बनी रहे, तो यह डायबिटीज, यूटीआई, प्रोस्टेट की समस्या जैसी गंभीर बीमारियों की ओर इशारा कर सकती है। समय रहते इसका कारण समझना और इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है। आइए जानते हैं इस लक्षण से जुड़ी 5 प्रमुख बीमारियां और उससे बचाव के फटाफट उपाय।

5 बीमारियों में आती है बार-बार यूरिन

डायबिटीज (Diabetes)

बार-बार पेशाब आना टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज का एक प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर असंतुलित होता है, तो किडनी अतिरिक्त ग्लूकोज को बाहर निकालने के लिए ज्यादा यूरिन बनाती है। अगर आपको अत्यधिक प्यास, थकावट और वजन कम होने जैसे लक्षण भी दिखें, तो तुरंत शुगर टेस्ट करवाएं।

यूरिन ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection - UTI)

यूटीआई महिलाओं में ज्यादा आम है और इसकी वजह से बार-बार यूरिन आने के साथ जलन, दर्द और बदबू भी महसूस होती है। संक्रमण फैलने पर बुखार और पीठ दर्द भी हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से जांच कराकर ऐंटीबायोटिक दवाएं लेनी चाहिए।

ओवरएक्टिव ब्लैडर (OAB)

इस स्थिति में ब्लैडर बार-बार सिग्नल भेजता है, भले ही उसमें पेशाब जमा न हुआ हो। यह न्यूरोलॉजिकल समस्या या उम्र बढ़ने के कारण हो सकती है। इसके लिए ब्लैडर ट्रेनिंग, फिजियोथेरेपी और कुछ दवाओं की मदद ली जाती है।

प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या (Prostate Issues)

पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से मूत्रमार्ग पर दबाव पड़ता है, जिससे बार-बार यूरिन आता है, खासकर रात के समय। यह स्थिति 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में आम होती है और इसके लिए मेडिकल चेकअप जरूरी है।

दवाओं या कैफीन का असर

डाययूरेटिक दवाएं, जो ब्लड प्रेशर के लिए दी जाती हैं, या ज्यादा कैफीन लेने से भी बार-बार पेशाब आ सकता है। अगर आप ऐसी कोई दवा ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

फटाफट करें ये काम

पानी संतुलित मात्रा में पिएं, ज्यादा या बहुत कम नहीं।

कैफीन और शराब से बचें।

संक्रमण के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

रात्रिकालीन यूरिन बढ़ने पर स्लीप शेड्यूल जांचें।

हर छह महीने में हेल्थ चेकअप करवाएं।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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