Weak Memory: 5 आदतें बन सकती हैं मेमोरी लॉस की वजह, इन्हें जानकर तुरंत कर लें सुधार

5 bad habits causes memory loss
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5 आदतें बन सकती हैं मेमोरी लॉस की वजह।

Weak Memory: कई बार हमारी कुछ आदतें मेमोरी वीक होने की वजह बन सकती हैं। ऐसे में इन्हें पहचानकर समय पर सुधार कर लेना जरूरी है।

Weak Memory: आज की तेज़ रफ्तार लाइफ में भूलने की समस्या आम हो गई है। कभी फोन कहां रखा भूल जाते हैं, तो कभी किसी का नाम याद नहीं रहता। अगर आप भी बार-बार भूलने लगे हैं, तो यह केवल उम्र का असर नहीं, बल्कि आपकी कुछ गलत आदतों का नतीजा हो सकता है। लगातार मानसिक थकान, नींद की कमी और गलत खानपान से मेमोरी लॉस यानी याददाश्त कमजोर होने की समस्या बढ़ती है।

दिमाग को हेल्दी रखने के लिए सिर्फ पढ़ाई या एक्सरसाइज ही काफी नहीं होती, बल्कि लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं वो गलत आदतें जो मेमोरी लॉस की वजह बन सकती हैं।

5 आदतों से हो सकती है मेमोरी वीक

नींद की कमी: रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद दिमाग के लिए जरूरी है। नींद की कमी से दिमाग को आराम नहीं मिलता और याददाश्त कमजोर होने लगती है। रिसर्च के मुताबिक, नींद के दौरान दिमाग दिनभर सीखी बातों को स्टोर करता है, इसलिए नींद पूरी न होने पर जानकारी लंबे समय तक याद नहीं रहती।

जंक फूड और हाई शुगर डाइट: ज्यादा मीठा, कोल्ड ड्रिंक, और तले हुए फूड्स दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है जिससे ब्रेन फंक्शन प्रभावित होता है। हेल्दी ब्रेन के लिए फाइबर, ओमेगा-3 और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें जैसे बादाम, अखरोट, मछली और हरी सब्जियां।

लगातार मोबाइल और स्क्रीन टाइम: घंटों फोन, लैपटॉप या टीवी देखने से ब्रेन लगातार एक्टिव रहता है, जिससे फोकस और मेमोरी पर असर पड़ता है। स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट नींद में भी बाधा डालती है। इसलिए हर 30 मिनट बाद ब्रेक लें और सोने से पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं।

एक्सरसाइज की कमी: फिजिकल एक्टिविटी सिर्फ शरीर के लिए नहीं, बल्कि दिमाग के लिए भी फायदेमंद है। रोजाना वॉक या योग करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे ब्रेन तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। यह याददाश्त और एकाग्रता को मजबूत करता है।

स्ट्रेस और नेगेटिव सोच: लंबे समय तक तनाव में रहना दिमाग की नर्व कोशिकाओं को कमजोर करता है। स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ ज्यादा बनने पर मेमोरी प्रभावित होती है। मेडिटेशन, गहरी सांसें और पॉजिटिव थिंकिंग अपनाकर दिमाग को रिलैक्स करें।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)

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