अयोध्या: प्रचार के लिए ये जगह ठीक नहीं, न मिली सत्ता और न ही जीत

अयोध्या: प्रचार के लिए ये जगह ठीक नहीं, न मिली सत्ता और न ही जीत
X
जिस भी पार्टी ने अयोध्या से चुनाव अभियान की शुरुआत की उसे न ही सत्ता मिली और न ही पार्टी के प्रत्याशी को जीत।
नई दिल्ली. अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी के बहुत से मतदाताओं को गिला था कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद न वहां विराजमान रामलला के दर्शन करने आये और न ही उन्होंने अपना चुनाव प्रचार ही अयोध्या से शुरू किया। यहां तक कि रामजन्मभूमि पर अपनी कोई विजय संकल्प रैली भी नहीं की। जहां ये रैलियां हुईं, वहां भी इनमें राम मन्दिर मुद्दे को छुआ तक नहीं। इन मतदाताओं की शिकायत गत पांच मई को तब दूर हुई, जब अयोध्या को अपने में समेटने वाली फैजाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार खत्म होने से कुछ घंटे पहले मोदी आये और वहां के राजकीय इंटर कालेज के मैदान में भगवान राम व उनके मन्दिर के चित्र वाले मंच से रैली को सम्बोधित करते हुए भगवान राम, महात्मा गांधी और रामराज का जिक्र किया। ऐसा करने को लेकर चुनाव आयोग ने भाजपा के इस सीट के प्रत्याशी लल्लू सिंह को नोटिस पकड़ा दिया, सो अलग।
नीचे स्लाइड्स में पढ़िए, क्या कारण हैं कि आयोध्या चुनाव प्रचार के लिए अशुभ माना जाता है -
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि और हमें फॉलो करें ट्विटर पर-

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

  • 1
  • 2
  • ...
  • 5
  • 6

  • Next Story