राज्‍य सरकारें तय करेंगी आलू-प्‍याज की कीमतें, जमाखोरी रोकने को उठाए सख्‍त कदम

राज्‍य सरकारें तय करेंगी आलू-प्‍याज की कीमतें, जमाखोरी रोकने को उठाए सख्‍त कदम
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अब राज्य सरकारें तय कर सकेंगी कि कारोबारी स्टॉक में कितना आलू-प्याज रखें।

नई दिल्‍ली. रेल भाड़,पेट्रोलियम पदार्थों, गैस सिलेंडर के दामों में व्द्धि के बाद अब आलू-प्‍याज के दाम रूलाने पर आमदा हैं।अच्छे दिन के इंतजार में जुलाई की दो तारीख तक पहुंच चुकी देश की जनता को महंगाई और मुश्किल में डाल रही है। दिल्ली के खुले बाजारों में प्याज की कीमत 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है।

ऐसे में आज केंद्र सरकार ने बेहद अहम फैसला लेते हुए प्याज और आलू को आवश्यक वस्तु अधिनियम की लिस्ट में शामिल कर लिया। इस फैसले के बाद अब राज्य सरकारें तय कर सकेंगी कि कारोबारी स्टॉक में कितना आलू-प्याज रखें। सरकार ने जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बढ़ा दी है।

बढ़ती महंगाई के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में बुधवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन में विपक्षी दलों के साथ ही आम आदमी भी शामिल रहा जो अच्छे दिनों के इंतजार में महंगी चीजें खरीद रहा है। ऐसे में करीब दो घंटे तक चली कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार ने ताबड़तोड़ कई अहम फैसलों का ऐलान कर दिया।
अब आलू और प्याज आवश्यक वस्तु अधिनियम की लिस्ट में आ गए हैं। मतलब ये कि अब राज्य सरकारें तय कर सकेंगी कि कारोबारी स्टॉक में कितना आलू-प्याज रखें। इस तरह आलू प्याज की कीमत पर अब राज्य सरकारें नियंत्रण रख पाएंगी। यही नहीं आलू-प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकारें छापेमारी अभियान भी चला सकेंगी। केंद्र की कोशिश जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा अधिकार देने की है। इस बीच दिल्ली सरकार ने बुधवार से ही 300 अलग-अलग जगहों पर सस्ता प्याज बेचना शुरू कर दिया।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, अालू-प्‍याज के भाव -
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