नवरात्रि विशेष: जानिए मां दुर्गा के नौ रुपों के औषधीय गुण, व्रत रखता है कई व्याधियों से दूर

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा अपने हर भक्त पर असीम अनुदान बरसाती हैं। माता के विविध रूप विभिन्न औषधीय गुणों से युक्त हैं। मार्कण्डेय ऋषि दुर्गासप्तशती के कवच पाठ में इसका उल्लेख करते हुए कहते हैं कि जब उन्होंने सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी से शरीर की हर प्रकार से रक्षा करने के उपाय के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वास्तव में, नवदुर्गा दिव्य गुणों वाली नौ औषधियां हैं जो मनुष्य के दैहिक, दैविक और भौतिक सभी प्रकार की व्याधियों का शमन करती हैं।
हिन्दू धर्म ग्रंथ पुराणों के अनुसार माता भगवती की आराधना का श्रेष्ठ समय नवरात्र होता है। भारत में नवरात्र का पर्व, एक ऐसा पर्व है जो हमारी संस्कृति में महिलाओं के गरिमामय स्थान को दर्शाता है। वर्ष के चार नवरात्रों में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक नौ दिन के होते हैं, परंतु प्रसिद्धि में चैत्र और आश्विन के नवरात्र ही मुख्य माने जाते हैं। इनमें भी देवीभक्त आश्विन के नवरात्र अधिक करते हैं। इनको यथाक्रम वासन्ती और शारदीय नवरात्र भी कहते हैं। इनका आरम्भ चैत्र और आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से होता है। अतः यह प्रतिपदा ’सम्मुखी’ शुभ होती है। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा अपने हर भक्त पर असीम अनुदान बरसाती हैं। माता के विविध रूप विभिन्न औषधीय गुणों से युक्त हैं।
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