कहीं खुशी कहीं गम: दिल्ली की सड़कों पर सरपट दौड़ेंगे ऑटो, ई-रिक्शा का निकला दम

कहीं खुशी कहीं गम: दिल्ली की सड़कों पर सरपट दौड़ेंगे ऑटो, ई-रिक्शा का निकला दम
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ई-रिक्शा चालकों के सामने आ रही तकनीकी समस्या।
नई दिल्ली. दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियमों की दिए गए डील के बाद भी ई-रिक्शा शायद ही सड़कों पर दिखाई देंगे। तो वही दूसरी ओर दिल्ली से एनसीआर के बीच ऑटो रिक्शा अब बिना किसी समस्या के दौड़ सकेंगे। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कई ऐसी तकनीकी खामियां है जिन्हें ई-रिक्शा चालक आसानी से पूरा नहीं कर पाएगा। खासकर गरीब वर्ग। नए नियम के तहत ई-रिक्शा चलाने के लिए उसी व्यक्ति का लाइसेंस बनेगा, जिसने एक वर्ष तक कार चलाई हो। ऐसा गरीब वर्ग के लिए संभव नहीं।
आज अधिकतर ऐसे लोगों के पास ई-रिक्शा है जिसने कार के बारे में कभी सोचा भी नहीं होगा। ई- रिक्शा सस्ता होने के कारण लोगों ने इधर-उधर से पैसे की व्यवस्था कर इन्हें खरीदा है। इस बारे में ऑटो रिक्शा की संस्था न्याय भूमि के सचिव राकेश अग्रवाल ने बताया कि इन ई-रिक्शा में पार्ट बदलने के लिए पांच से 10 हजार रुपए तक खर्च करने होंगे। ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन तबतक नहीं हो सकता जबतक टाइप अप्रूवल न मिले जो कंपनी या विक्रेता की जिम्मेदारी होती है। जबकि आज 80 फीसदी विक्रेता या कंपनी गायब है। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा दिल्ली में संस्था बनाकर इसके विरोध में प्रदर्शन करेगी। साथ ही सरकार से नियम बदलने की मांग करेगी। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा चालक को ब्यौरा देने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया जाए, पार्ट्स बदलने के लिए आने वाले खर्च को विक्रेता या कंपनी वहन करे अन्यथा उनपर फ्रॉड का मुकदमा चलाया जाए। ई-रिक्शा के लिए बनने वाले लाइसेंस में ढील दी जाए। साथ ही इसे बनाने के लिए सात दिन का समय तय हो जबकि अभी के नियम के तहत 14 माह का समय लग जाएगा।
मोटर नंबर के आधार पर रजिस्ट्रेशन किया जाए। आरसी स्वत: मिलनी चाहिए। ई-रिक्शा के लिए परमिट, रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस का कार्य मुफ्त हो, किसी के पास कितने भी ई- रिक्शा होने की छूट होनी चाहिए। हर मेट्रो, रेलवे व अन्य महत्वपूर्ण जगह पर स्टैंड बनाए जाए। साथ ही सरकार नियम जारी करे, जिससे अगले छह माह तक बिना किसी जांच के ई-रिक्शा दिल्ली में दौड़ सके। जिससे सभी को राहत मिलेगी। बता दें कि दिल्ली में करीब पौने दो लाख ई-रिक्शा है। त्रिलोकपुरी में हुई घटना के बाद कोर्ट ने इन्हें चलाने पर बैन लगा दिया था। सरकार ने इन्हें फिर से सड़क पर उतारने के लिए नए नियम बनाए हैं।
वही दूसरी ओर दिल्ली से एनसीआर के बीच ऑटो रिक्शा अब बिना किसी समस्या के दौड़ सकेंगे। दिल्ली सरकार ने एनसीआर में ऑटो रिक्शा को चलाने की सभी समस्याएं दूर कर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। साथ ही दिल्ली में तीन सीटों वाले ऑटो रिक्शा के लिए परमिट जारी करने की कैप को 55 हजार से बढ़ा कर एक लाख कर दिया गया है। परिवहन विभाग जल्द ही 5500 ऑटो रिक्शा को परमिट जारी करेगा। इस बारे में परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त कुलदीप सिंह गंगवार ने कहा कि कारपोरेट स्कीम के तहत विभाग ने 7 हजार परमिट करने की योजना बनाई थी लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में 55 सौ ऑटो को परमिट जारी किया जाएगा।
इनमें 2750 परमिट उत्तर प्रदेश से दिल्ली में आने वाले ऑटो के लिए और 2750 परमिट हरियाणा से दिल्ली में आने वाले ऑटो को जारी किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली और एनसीआर के ऑटो को लेकर कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित ने कई बार आवज उठाई, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद कांग्रेस के सर्मथन से बनी आप की सरकार ने भी ऑटो की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया था, लेकिन कई कारणों से यह संख्या नहीं बढ़ पाई। बता दे कि दिल्ली एनसीआर के बीच ऑटो न चल पाने के कारण लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता था।
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