फेक नि‍कली गुमनामी बाबा की फोटो, नेताजी की तस्‍वीर से कि‍या था खि‍लवाड़

फेक नि‍कली गुमनामी बाबा की फोटो, नेताजी की तस्‍वीर से कि‍या था खि‍लवाड़
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हिंदुस्तान डॉटकॉम ने 2003 में यह तस्वीर निकाली।
नई दिल्ली/फ़ैज़ाबाद. नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु पर आज भी रहस्य बरकरार है। 18 अगस्त 1945 को ताईवान में हुए विमान हादसे में नेता जी की मृत्यु हो गई थी। लेकिन इस बात पर बहुत से लोगों को भरोसा नहीं। उनका मानना है कि नेता जी फैजाबाद में कई साल तक गुपचुप तरीके से साधू के वेश में रह रहे थे। इन्हें गुमनामी बाबा कहा जाता था, इनका असल नाम भगवान जी था। लेकिन गुमनामी बाबा की कहानी इतनी उलझी हुई है कि बहुत से लोग उनके नेता जी होने की संभावना से इंकार भी नहीं कर पाते। इसी बात का फायदा मीडिया उठाता रहा है।
गुमनामी बाबा की मौत 1985 में हो चुकी है। हाल के दिनों में मीडिया में गुमनामी बाबा और सुभाष चंद्र बोस की एक ऐसी तस्वीर दिखाई जाई रही है जिसके पीछे की सच्चाई आम जनता नहीं जानती। इस फोटों के जरिए लोगों में मात्र भ्रम पैदा किया जा रहा है। तस्वीर में बाईं तरफ सुभाष चंद्र बोस दिखाए गए हैं और दाईं तरफ एक दाढ़ी वाले बाबा नज़र आ रहे हैं। दाढ़ी में जिस व्यक्ति को दिखाया जा रहा है मीडिया उसे 'गुमनामी बाबा' बता रही है।
इंग्‍लि‍श वेबसाइट स्‍कॉर्ल डॉट इन पर लगी धीरेंद्र झा की रिपोर्ट इस रहस्य से पर्दा उठाने में काफी मदद करती है। कोई भी व्यक्ति इस तस्वीर को देखे तो पहली बार में यही नजर आता है कि दाढ़ी वाले बाबा हूबहू नेताजी जैसे दिखते हैं।
दरअसल, यह तस्वीर फर्जी है। इसे कम्‍प्‍यूटर की मदद से तैयार किया गया है। इसी महीने टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख में यह तस्वीर छापी गई थी। इसके बाद फैजाबाद में यही तस्वीर गुमनामी बाबा की 30वीं पुण्य तिथि पर उनकी समाधि पर लगाई गई। सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय विचार केंद्र ने इस तस्वीर को गुमनामी बाबा की समाधि पर लगाया था।
वास्तव में यह तस्वीर सन 2001 में बनाई गई थी। इसे बनाने वाले व्यक्ति का नाम सिद्धार्थ घोष बताया जाता है। सिद्धार्थ हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट के लिए काम करते थे। घोष ने ही इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह गुमनामी बाबा की के ऊपर तैयार किए एक पैकेज के रूप में हमारे ग्रुप ने इसी तस्वीर को इस्तेमाल करने का निर्णय लिया था। आगे जोड़ते हुए घोष ने यह बात भी कूबूली कि गुमनामी बाबा की नकली तस्वीर को सुभाष चंद्र बोस की असली तस्वीर की मदद लेकर कम्‍प्‍यूटर से तैयार किया गया है।
इसके अलावा साल 2001 में हिंदुस्तान डॉटकॉम के एडिटर रहे शाली इत्तमान भी कहते हैं कि घोष ने ही गुमनामी बाबा का यह नकली चित्र सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर की मदद लेकर कम्‍प्‍यूटर से बनाया था। इत्तमान ने साथ ही यह भी कहा कि यह तस्वीर मिसलीड (भ्रम पैदा करना) ही करती है।
असल में जब नेताजी के हवाई दुर्घटना को लेकर लोगों में यह बाते होने लगी कि वह झूठी खबर है तो हिंदुस्तान डॉटकॉम ने इस बात का फायदा उठाते हुए 2003 में यह तस्वीर निकाली। इसे एक षड्यंत्र कहा जाना गलत नहीं होगा। हांलाकि बाद में इस तस्वीर पर सवाल खड़ा होने से हिंदुस्तान की वेबसाइट से इसे हटा लिया गया।
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