बॉलीवुड सॉन्ग करते हैं मार्क्स, प्लेटो और स्ट्रिंग थ्योरी को एक्सप्लेन

बॉलीवुड सॉन्ग करते हैं मार्क्स, प्लेटो और स्ट्रिंग थ्योरी को एक्सप्लेन
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हिन्दी फिल्मों की धुनें दर्शन (फिलोशिफी) को समझने में गाइड करते है।
1. कोगिटो एरगो सम
रेने डेसकार्टेस ने जीवन की विचित्रता के बारे में सोच के बाद हैरान है। वह आश्चर्यचकित है कि जीवन एक सपना है या फिर कहानी। वह इस सच से आश्चर्यचकित है। कोगिटो एरगो सम थ्योरी को बॉलीवुड सॉन्ग लड़की बड़ी अंजानी है के माध्यम से समझ सकते हैं।
2. वेल ऑफ इगनोरेंस(अज्ञानता के पर्दे के पीछे)
जॉन रॉल्स ने कानून बनाने वाले अज्ञानता के पर्दे में रह कर काम करते है, बिना जाने की पर्दे में क्या है।
जॉन रॉल्स के इस सिद्धांत को बॉलीवुड सॉन्ग चोली के पीछे क्या है? चुनरी के नीचे क्या है? समझाता है।
3. मार्क्सिम
कार्ल मार्क्स ने निजी संपत्ति इकट्ठा करने के लिए अमीरों की मानसिकता की आलोचना की, और सांप्रदायिक संबंधों पर पूँजीवादी लाभ में उनकी रुचि है। इसको बॉलीवुड सॉन्ग क्यों पैसा पैसा करती हैं पैसे पर क्यों मरती हैं।
4. डिटरमिनिस्म (नियतिवाद)
नियतिवाद हर घटना के लिए दार्शनिक स्थिति है। मानवीय गतिविधियों सहित यहां मौजूद स्थितियों में कोई अन्य घटना का कारण बन सकता है। इसे बॉलीवुड का सॉन्ग जादू तेरी नजर, तू हां कर या न कर तू है मेरी किरन।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, अन्य बॉलीवुड सॉन्ग जो विभिन्न सिंद्धात बताते है -
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