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दुनियाभर के गायकों को लगेगा बड़ा झटका, अब ये सॉफ्टवेयर खुद बनाएंगे धुन और गाना

आज का समय पूरी तरह से एडवांस हो गया है। इसके साथ ही पूरी दुनिया में तरह-तरह की टेक्नोलॉजी आ गई है, जिससे हर एक काम आसानी से हो जाता है।

दुनियाभर के गायकों को लगेगा बड़ा झटका, अब ये सॉफ्टवेयर खुद बनाएंगे धुन और गाना
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आज का समय पूरी तरह से एडवांस हो गया है। इसके साथ ही पूरी दुनिया में तरह-तरह की टेक्नोलॉजी आ गई है, जिससे हर एक काम आसानी से हो जाता है। कई टेक्नोलॉजी ऐसी जो कि इंसानों को आसानी से रिप्लेस कर सकती है, इस कड़ी में आर्टिफिशियल इंटलिजेंस टेक्नोलॉजी शामिल है।

जैसा कि हमने चीन में देखा था कि एक आर्टिफिशियल इंटलिजेंस तकनीक से लेस रोबोट न्यूज पढ़ रहा था और यह रोबोट पूरी तरह एक प्रोफेशनल न्यूज रीडर की तरह ही न्यूज को पढ़ रहा था।

यह भी माना जा रहा है कि आने वाले समय में ये रोबोट इंसानों पूरी तरह से रिप्लेस कर सकते है। आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है कि अब कंप्यूटर ही संगीत की धुन बनाएं और साथ ही गाना भी खुद लिख सकेंगे।

इतना ही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले समय में गीत भी गा पाएंगे। आइए जानते है इसके बारे में...

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1957 में कंप्यूटर ने सबसे पहले एक धुन तैयार की थी, जिसका नाम इलियाक स्वीट था। इस धुन को अमरीका के इलिनॉय यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर रिसर्चरों के बनाए गए इलियाक वन कंप्यूटर ने बनाया था।

इस कंप्यूटर ने कुछ तारों को छेड़कर कुछ आवाज निकाली थी, जिनको एक सुत्र में पिरोकर एक धुन तैयार की थी। पर 1957 के इलियाक स्वीट से लेकर आज तक अक्लमंद मशीनों के संगीत ने लंबा सफर तय किया है और आज एआई की मदद से गीत लिखे जा रहे हैं। नई धुनें भी बनाई जा रही है।

बीटल्स को ध्यान में रखते हुए, सोनी के सीएसएल रिसर्च लैब की फ्लो मशीनों से पहला एआई पॉप गीत बनाया है, जिसका नाम है-डैडीज कार है। इस गीत को लिखने के लिए सोनी एआई सॉफ्टवेयर ने कुछ धुनों का भी सुझाव दिया था।

ये फैब फोर नाम की धुन के आधार पर तैयार किया था। जो अंतिम गीत तैयार किया गया, उसकी धुनों को पिरोने का काम एक इंसान ने किया था। इसे स्काइग के नाम से 2016 में जारी किया था।

अगर इस सॉफ्टवेयर की बात करें तो, यह सॉफ्टवेयर अखबारों में लेख पढ़ सकता है और सोशल मीडिया की टाइमलाइन देखकर लोगों का मूड भी बता सकता है। इस मूड के आधार पर फिर वॉटसन सॉफ्टवेयर आसानी से धुनों को बनाने का सुझाव भी दे सकता है।

एलेक्स डा किड के एल्बम नॉट इजी को 2016 के टॉप गीतों के चार्ट में 40वां स्थान दिया था।

यू-ट्यूब अपनी धुनें पेश करने वाली लोकप्रिय गायिका टैरिन सदर्न ने कहा है कि एआई के जरिए तमाम विचारों को तकनीक की मदद से साकार कर सकते है। हाल ही में टैरिन ने अपने एल्बम ब्रेक फ्री को एआई की मदद से तैयार किया था।

इसके लिए टैरिन ने एम्पर, आईबीएम के वॉटसन और गूगल के मैजेंटा सॉफ्टवेयर की मदद ली थी।

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बता दें कि अलग-अलग ट्रैक की रिकॉर्डिंग से लेकर, अलग-अलग आवाजों को पिरोकर गीत तैयार करने का काम काफ़ी समय से होता आ रहा है। संगीत की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के मामले में काफी तरक्की कर चुकी है।

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