Vehicle Sales: यूटिलिटी व्हीकल की मांग में बंपर उछाल, साल में 50 लाख पैसेंजर व्हीकल बिक्री का अनुमान

Vehicle Sales: देश में पैसेंजर व्हीकल (PV) सेगमेंट इस वित्त वर्ष में नया रिकॉर्ड बना सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू और निर्यात मिलाकर कुल बिक्री 50 लाख यूनिट (5 मिलियन) के आंकड़े को पार कर सकती है, हालांकि वार्षिक वृद्धि दर घटकर 2 से 4 प्रतिशत के बीच रह सकती है। यह लगातार चौथा वर्ष होगा जब पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही है। कोरोना महामारी के बाद FY 2023 में 25% की जबरदस्त ग्रोथ के मुकाबले, अब इसमें थोड़ी सुस्ती देखी जा रही है।
यूटिलिटी व्हीकल्स (UV) की बढ़ती मांग
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस ग्रोथ का मुख्य कारण यूटिलिटी व्हीकल्स की बढ़ती मांग है। नए मॉडल्स की लॉन्चिंग, ब्याज दरों में कमी, CNG वाहनों की स्वीकार्यता और ग्रामीण बाजारों में सकारात्मक माहौल ने यूवी सेगमेंट को मजबूती दी है। क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी के अनुसार, "वित्त वर्ष 2025 में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की ग्रोथ 2-4% के बीच रहेगी, लेकिन यूवी सेगमेंट 10% की तेज ग्रोथ दिखा सकता है। यूवी का योगदान कुल बिक्री में 68-70% तक हो सकता है।"
ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद
सामान्य से बेहतर मानसून और ब्याज दरों में संभावित कटौती से ग्रामीण इलाकों में मांग में सुधार की उम्मीद जताई गई है, जिससे एंट्री लेवल कारों की बिक्री बढ़ सकती है। बेहतर कैश फ्लो और नकदी अधिशेष से ऑटो निर्माता (OEMs) उच्च कैपेक्स योजनाओं को आसानी से फंड कर सकेंगे, जिससे उनकी बैलेंस शीट मजबूत बनी रहेगी।
ये भी पढ़ें...भूल जाओ पुरानी कीमतें, अब इस SUV को खरीदने के लिए खर्च करने होंगे इतने रुपए
फ्यूल मिक्स में बदलाव
फ्यूल मिक्स भी तेजी से बदल रहा है। CNG वाहनों की मांग बढ़ रही है, और 7 हजार से ज्यादा रिफ्यूलिंग स्टेशनों के बढ़ते नेटवर्क की वजह से CNG वाहनों की हिस्सेदारी इस साल 15% तक पहुंच सकती है।
30 हजार करोड़ रु. का PV कैपेक्स अनुमान
क्रिसिल रेटिंग्स की डायरेक्टर पूनम उपाध्याय ने बताया कि इस वित्त वर्ष में ऑटो कंपनियां लगभग ₹30,000 करोड़ का कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capex) कर सकती हैं। यह निवेश उत्पादन क्षमता बढ़ाने, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के क्षेत्र में विस्तार, और डिजिटल अपग्रेड जैसे क्षेत्रों में होगा। यह हाई कैपेक्स मॉडल भी टिकाऊ माना जा रहा है, जो मजबूत नकदी प्रवाह और आंतरिक संसाधनों के चलते संभव हो पाएगा।
ये भी पढ़ें...CNG कार से कैसे निकालें शानदार माइलेज? जानें बेहद आसान और असरदार उपाय
निर्यात में संभावित चुनौती
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव निर्यात की रफ्तार पर असर डाल सकते हैं। हालांकि, OEMs अब मैक्सिको, खाड़ी देश, दक्षिण अफ्रीका और पूर्वी एशिया जैसे नए बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं।
(मंजू कुमारी)