पीएम मोदी की पुतिन से फोन पर बातचीत: यूक्रेन युद्ध पर चर्चा, भारत आने का दिया न्योता
पीएम मोदी ने शुक्रवार (8अगस्त) को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। दोनों के बीच यूक्रेन युद्ध, द्विपक्षीय संबंध और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई। पीएम ने पुतिन को भारत आने का न्योता भी दिया।
वर्ष 2024 में रूस की यात्रा के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात हुई थी। (फाइल फोटो)
PM Modi-Putin: अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (8 अगस्त) को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध की मौजूदा स्थिति और भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को यूक्रेन से जुड़ी ताजा परिस्थितियों की जानकारी दी, जिस पर मोदी ने शांति पूर्ण समाधान के लिए भारत की स्थायी नीति दोहराई।
पीएम ने पुतिन को भारत आने का दिया न्योता
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट के जरिए पुतिन के साथ बातचीत की जानकारी दी। उन्होंने पुतिन को यूक्रेन के हालात के बारे में जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने भारत-रूस के रिश्तों की प्रगति की समीक्षा की और अपने विशेष साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में 23वें भारत-रूस एनुअल समिट के लिए भारत आने का न्योता दिया।
अजीत डोभाल और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात
गुरुवार (7 अगस्त) को, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा के लिए क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। क्रेमलिन प्रेस सेवा द्वारा साझा की गई एक वीडियो क्लिप में बातचीत से पहले डोभाल पुतिन से हाथ मिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। पुतिन ने डोभाल का गर्मजोशी से स्वागत किया।
मुलाकात के दौरान, डोभाल ने बाहरी दबाव के बावजूद रूस के साथ सभी मोर्चों पर सहयोग जारी रखने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से, डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में भारत आने का निमंत्रण दिया था, जिसे पुतिन ने स्वीकार कर लिया।
क्रेमलिन बैठक के दौरान, डोभाल के साथ भारतीय राजदूत विनय कुमार भी थे। बैठक में रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु भी शामिल हुए।
उनकी यह यात्रा ऐसे समय में शुरू हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे यह दोगुना होकर 50 प्रतिशत हो गया।