कश्मीर विवाद: पाकिस्तान को अमेरिकी मध्यस्थता स्वीकार, भारत बोला-सिर्फ POK पर होगी बात
US Kashmir mediation: कश्मीर विवाद सुलझाने पाकिस्तान ने अमेरिका समेत किसी भी देश की मदद का स्वागत किया है। जबकि, भारत ने इस कदम का विरोध किया है।
पाकिस्तान बोला-कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी दखल स्वीकार
Pakistan Kashmir dispute: पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी दखल का स्वागत किया है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने शुक्रवार, 8 अगस्त को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, कश्मीर विवाद दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के केंद्र में है। इसलिए किसी भी रचनात्मक प्रयास का स्वागत किया जाना चाहिए।
शफकत अली खान ने क्या कहा?
शफकत अली से पत्रकारों ने जब कश्मीर विवाद में अमेरिका की रुचि पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, हम न केवल अमेरिका, बल्कि ऐसे किसी भी देश का स्वागत करते हैं जो स्थिति को स्थिर करने और कश्मीर विवाद हल करने में मदद करेंगे।
शफकत अली ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच मई में चार दिवसीय संघर्ष हुआ, जिसके बाद दोनों देशों के बीच किसी तरह का सीधा संवाद नहीं हुआ। हालांकि, अमेरिका के साथ इस मुद्दे पर सहयोग के लिए पाकिस्तान तैयार है।
कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख बरकरार
भारत कश्मीर विवाद पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता उसे स्वीकार नहीं है। 1972 के शिमला समझौते में भी यह बात तय हुई थी कि दोनों देश अपने विवाद आपसी बातचीत से ही सुलझाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक बयान में स्पष्ट कर चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ बातचीत सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की वापसी और आतंकवाद के मुद्दों पर ही होगी।
आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा पर पाक का रुख
शफकत अली खान ने मीडिया को बतया कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से फैल रहे आतंकवाद के मुद्दे को कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है। उन्होंने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच खनिज संसाधनों को लेकर किसी गुप्त समझौते की बात से इनकार किया है। साथ ही यूक्रेन संघर्ष में पाकिस्तानी नागरिकों की संलिप्तता के आरोपों को भी खारिज किया है।