राम मंदिर पर टिप्पणी से भड़का भारत: पाकिस्तान को दिया करारा जवाब, MEA ने कहा - अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाला देश हमें न सिखाए'
राम मंदिर में ध्वजारोहण पर पाकिस्तान की टिप्पणी के बाद भारत ने कड़ा जवाब दिया है। विदेश मित्रालय ने अपने बयान में कहा कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और कट्टरता के इतिहास वाले पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। MEA ने कहा कि पाकिस्तान अपने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान दे।
विदेश मित्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल।
Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह को लेकर पाकिस्तान की आलोचना पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट कहा कि अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और दमन के लंबे इतिहास वाले पाकिस्तान को भारत पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक आधार नहीं है।
साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, ''हमने पाकिस्तान की टिप्पणी देखी और उसे पूरी तरह नकारते हैं। अल्पसंख्यकों के दमन और कट्टरता के धब्बों से भरे रिकॉर्ड वाला पाकिस्तान दूसरों को उपदेश देने का नैतिक अधिकार नहीं रखता।''
उन्होंने आगे कहा, ''पाखंड भरी बयानबाज़ी करने के बजाय पाकिस्तान को अपने भीतर झांकना चाहिए और अपने बेहद खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए।''
पिछले दिनों पाकिस्तान ने अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण को लेकर बयान जारी किया था और इसे धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव बनाने की कोशिश बताया था।
इस बयान के मद्देनज़र ही भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान की टिप्पणी को दुर्भावनापूर्ण और बेबुनियाद करार दिया।
ध्वजारोहण पर क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज फहराया। यह ध्वजारोहण उत्सव मंदिर निर्माण के पूर्ण होने का प्रतीक माना गया।
PM मोदी ने इस पल को अपने लिए अत्यंत भावनात्मक अनुभव बताया और कहा, ''यह ध्वज हमें प्रेरणा देगा कि वचन निभाने के लिए प्राण तक न्योछावर करने पड़ें तो भी पीछे न हटें- 'प्राण जाए पर वचन न जाए'।''
ध्वजारोहण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे।