सीजफायर: पाक उप-प्रधानमंत्री इशाक डार का बड़ा खुलासा, बोले- भारत ने कभी नहीं स्वीकारी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता

भारत-पाक युद्धविराम पर पाक उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा- भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं मानी। ट्रंप का दावा विपक्ष पर उलटा पड़ा।

Updated On 2025-09-16 23:01:00 IST

सीजफायर मामले पर पाक उप-प्रधानमंत्री इशाक डार का बड़ा खुलासा। 

सीजफायर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मई 2025 में हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष (ऑपरेशन सिंदूर) को रोकने में अपनी मध्यस्थता का दावा करने पर नया विवाद खड़ा हो गया है। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया था।

ट्रंप का दावा और डार का जवाब

ट्रंप ने 10 मई को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि उनकी कोशिशों से भारत और पाकिस्तान ने तत्काल सीजफायर पर सहमति जताई। उन्होंने इस बात को कई बार दोहराया और इसे अपनी बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया।

लेकिन अल जज़ीरा को दिए इंटरव्यू में इशाक डार ने कहा, “भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि यह मामला द्विपक्षीय है और किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं होगी। सीजफायर भारत के सैन्य चैनलों से सीधे संपर्क के बाद हुआ, न कि किसी अमेरिकी दबाव से।”

भारत में राजनीतिक हंगामा

ट्रंप के बयान के बाद भारत की राजनीति में घमासान मच गया। विपक्ष ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी दबाव में झुक गए। उन्होंने संसद में कहा, “ट्रंप ने कहा ‘स्टॉप’, तो मोदी जी रुक गए। 

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर महज़ प्रधानमंत्री की छवि बचाने का प्रयास था।

भाजपा का पलटवार

भाजपा ने इशाक डार के बयान का हवाला देकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। पार्टी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान के ही मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत ने कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। भाजपा ने कांग्रेस पर पाकिस्तानी नैरेटिव दोहराने का आरोप लगाया।

क्षेत्रीय सियासत और असर

इंटरव्यू के दौरान डार ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमता पर भी जोर दिया और इज़राइल को लेकर कड़े बयान दिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस्लामी देशों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार है। इस बयान को भारत और इज़राइल के लिए परोक्ष संदेश माना जा रहा है।

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