अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर जंग जैसे हालात: 12 पाकिस्तानी सैनिक ढेर, तालिबान ने दी चेतावनी
पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई अफगान चौकियों और आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।
इस्लामाबाद/काबुल। अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमावर्ती इलाकों में तनाव चरम पर पहुंच गया है। डुरंड लाइन के पास कुर्रम जिले के गावी क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच शनिवार देर रात भारी गोलीबारी और हवाई हमले हुए। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, यह झड़प पहले छोटे हथियारों से शुरू हुई, लेकिन जल्द ही तोपखाने और भारी गोलाबारी में बदल गई।
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान बलों ने शनिवार देर रात कई पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर हमला किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दोनों ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग और धमाकों की आवाजें सुनी जा सकती हैं।
तालिबान की जवाबी कार्रवाई, चौकियों पर कब्जे का दावा
अफगान तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि 11 अक्टूबर की रात नंगरहार और कुनार प्रांतों में पाकिस्तानी चौकियों पर बड़े पैमाने पर हमले किए गए। मंत्रालय के अनुसार, अफगानिस्तान की 201 खालिद बिन वलीद आर्मी कोर ने इन हमलों को अंजाम दिया और कई पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया।
टोलो न्यूज के मुताबिक, हेलमंद और कुनार में पाकिस्तानी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि हेलमंद जिले की झड़पों में 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि एक टैंक तालिबान के कब्जे में चला गया। वहीं, कंधार के मायवंद जिले में पांच पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
अफगान ठिकाने तबाह करने का दावा
पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई अफगान चौकियों और आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई में कई अफगान लड़ाके मारे गए और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। दोनों ओर से गोलाबारी का सिलसिला कुर्रम, बाजौर, नॉर्थ वजीरिस्तान, लोअर कुर्रम और पक्तिया प्रांत तक फैल गया।
कतर ने जताई गहरी चिंता
सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए कतर ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यह संघर्ष क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। कतर के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से संवाद और संयम अपनाने की अपील की।
बयान में कहा गया, “कतर दोनों देशों से आग्रह करता है कि वे तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता दें और स्थिति को और न बढ़ाएं। हम क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों के साथ खड़े हैं।”
पाकिस्तान के हवाई हमले
तनाव की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात हुई, जब पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने अफगानिस्तान के कई शहरों पर हवाई हमले किए। बताया गया कि टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पकतीका शामिल थे। पाकिस्तान का मकसद टीटीपी चीफ नूर वली मेहसूद को खत्म करना था, लेकिन तालिबान ने इसे “युद्ध की शुरुआत” बताया और कड़ी प्रतिक्रिया दी।
तालिबान की चेतावनी
तालिबान सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी कार्रवाई रात 12 बजे समाप्त हो गई थी, लेकिन अगर पाकिस्तान ने फिर से सीमा उल्लंघन किया तो “अफगान वायुसेना जवाब देने के लिए तैयार है।”सरकार ने कहा कि वे अपने हवाई क्षेत्र और सीमाओं की किसी भी कीमत पर रक्षा करेंगे।
स्थानीय लोगों में दहशत
सीमा पर लगातार गोलाबारी से कुर्रम, बाजौर और नॉर्थ वजीरिस्तान के गांवों में दहशत फैल गई है। लोग रातें बिना नींद के बिता रहे हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं। बच्चों और बुजुर्गों में गोलियों और धमाकों की आवाज से भय का माहौल है।
भारत दौरे पर तालिबान विदेश मंत्री, बोले दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान ने यह हवाई हमला ऐसे समय में किया जब तालिबान शासन के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत की 8 दिवसीय यात्रा पर हैं। भारत में पत्रकारों से बातचीत में मुत्तकी ने कहा,“अफगानों के साहस की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। अगर कोई ऐसा करना चाहता है, तो वह सोवियत संघ, अमेरिका और नाटो से पूछ सकता है कि यह खेल कितना खतरनाक साबित हो सकता है।”
इस्लामाबाद की चेतावनी
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने तालिबान के हमलों को "बिना उकसावे" करार दिया और अफगान बलों पर नागरिकों पर गोलीबारी का आरोप लगाया। उन्होंने X पर लिखा, "अफगान बलों द्वारा नागरिक आबादी पर गोलीबारी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है।" उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी सेना "हर ईंट का जवाब पत्थर से देगी।"रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, तालिबान के हमलों में सीमा पर छह ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने "कड़ी और तीव्र प्रतिक्रिया" दी।