सोशल नेटवर्किंग बनाने में कीट पतंगे अधिक होते हैं सक्रिय, वैज्ञानिकों ने किया शोध

जीवों के बीच की संरचना विभिन्न स्तरों -सेलुलर और अनुवांशिक पर बेहतरीन समन्वित प्रक्रिया पर निर्भर करती है।;

Update:2014-10-23 00:00 IST
सोशल नेटवर्किंग बनाने में कीट पतंगे अधिक होते हैं सक्रिय, वैज्ञानिकों ने किया शोध
  • whatsapp icon
नई दिल्ली. मधुमक्खी और चींटी जैसे कीट पतंगे झुंड में रहकर एक दूसरे से लगातार संवाद कायम रखते हैं और वैज्ञानिकों ने मौजूदा सूचना प्रक्रिया को बेहतर बनाने में उनके नेटवर्क को समझने की कोशिश की है। दरअसल, कुछ कीट-पतंगे के समूहों में होने वाला संवाद नेटवर्क कृत्रिम तकनीकी सूचना स्थानांतरण नेटवर्क की तरह है।
 
आईआईएससी, आईआईएसईआर-कोलकाता और बिट्स पिलानी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने इन जीवों के बीच इस तरह की संरचना और कृत्रिम प्रक्रिया के बीच मिलान करने पर मौजूदा सूचना प्रक्रिया तंत्र को बेहतर बनाने में नेटवर्क संवाद की पड़ताल करने की कोशिश की।
 
गुब्बी लैब की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, जीवों के बीच की संरचना विभिन्न स्तरों -सेलुलर और अनुवांशिक पर बेहतरीन समन्वित प्रक्रिया पर निर्भर करती है। समूह में रहने वाले कीट पतंगे विभिन्न स्तरों पर समन्वय करते हैं। सूचना का असरदार स्थानांतरण संवाद तंत्र के जरिए होता है और यह तब भी बेहतर काम करता है जब समय या उर्जा संबंधी मजबूरी होती है।
 
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, कैसे करते हैं सामूहिक कम्युनिकेट
 
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि और हमें फॉलो करें ट्विटर पर- 

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App 

Tags: