Teacher Recruitments: यूपी में विशेष शिक्षकों की 5352 पदों पर जल्द शुरू होगी नियुक्ति प्रक्रिया! जानिए क्या है शैक्षणिक योग्यता?

उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई अब और बेहतर होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, योगी सरकार ने 5352 स्पेशल शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी दे दी है।

Updated On 2025-09-25 10:00:00 IST
उत्तर प्रदेश में दिव्यांग छात्रों के लिए होगी विशेष 5352 शिक्षकों की भर्ती।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक और बौद्धिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में, विभाग ने 5352 विशेष शिक्षकों के पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है, जिससे प्रदेश के लाखों दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन और कानूनी अनिवार्यता

यह ऐतिहासिक निर्णय रजनीश पांडेय की याचिका पर सात मार्च को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम (Rights of Persons with Disabilities Act), 2016 और समावेशी शिक्षा के सिद्धांतों के तहत परिषदीय विद्यालयों में दिव्यांग छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त विशेष शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। इस फैसले के माध्यम से, उत्तर प्रदेश सरकार ने अब सहायक अध्यापकों के मौजूदा रिक्त पदों में से 5352 पदों को विशेष शिक्षकों के रूप में परिवर्तित करके कानूनी और नैतिक दायित्व का निर्वहन किया है। यह कदम बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी शिक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे।

पदों का विभाजन 

कुल 5352 विशेष शिक्षकों के पद को दो प्रमुख स्तरों पर विभाजित किया गया है ताकि सभी परिषदीय विद्यालयों, जिनमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय शामिल हैं, में दिव्यांग बच्चों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सहायता मिल सके।

प्राथमिक स्तर पर: कुल 3008 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति होगी, जो कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाएंगे।

उच्च प्राथमिक/कंपोजिट विद्यालयों में: कुल 2344 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जो कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को विशिष्ट शिक्षण प्रदान करेंगे।

शैक्षणिक योग्यता और भर्ती की संभावित रूपरेखा

इस भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता भी तय कर दी गई है। हालांकि विस्तृत विज्ञापन आना बाकी है, लेकिन यह निश्चित है कि उम्मीदवारों के पास विशेष शिक्षा के क्षेत्र में निर्धारित डिग्री या डिप्लोमा होना अनिवार्य होगा। संभावित अर्हताएं निम्नलिखित हो सकती हैं:

शैक्षणिक योग्यता: स्नातक की डिग्री किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से।

व्यावसायिक योग्यता: विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा (D.El.Ed. Special Education), या विशेष शिक्षा में बी.एड. (B.Ed. Special Education) की डिग्री। इसके अलावा, पुनर्वास परिषद (RCI - Rehabilitation Council of India) में पंजीकरण (Registration) भी अनिवार्य हो सकता है।

शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET): राज्य स्तरीय उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा

 (UPTET) या केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) के प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर को उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा।

विभाग जल्द ही भर्ती के लिए विस्तृत शासनादेश, आवेदन की तिथि, चयन प्रक्रिया और अर्हताओं को शामिल करते हुए आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगा। उम्मीद है कि चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा और शैक्षणिक रिकॉर्ड के अंकों के आधार पर होगी।

दिव्यांग बच्चों के विकास में योगदान 

इन विशेष शिक्षकों की नियुक्ति से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार आएगा और समावेशी कक्षाएं सही मायने में साकार होंगी। ये शिक्षक दिव्यांग बच्चों की व्यक्तिगत शैक्षिक योजना बनाने और उनकी जरूरतों के अनुसार विशेषीकृत शिक्षण पद्धतियों (जैसे ब्रेल, सांकेतिक भाषा, विशेष सहायक उपकरण) का उपयोग करने में सक्षम होंगे।

इससे न केवल दिव्यांग छात्रों का नामांकन बढ़ेगा, बल्कि ड्रॉपआउट दर में भी कमी आएगी। ये शिक्षक सामान्य शिक्षकों को भी दिव्यांगता संवेदनशीलता और समावेशी शिक्षण तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित करेंगे, जिससे पूरे शिक्षण वातावरण में सकारात्मक बदलाव आएगा। यह कदम प्रदेश के लाखों दिव्यांग बच्चों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।


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