UP Police: दिवाली पर UP-112 का रिकॉर्ड प्रदर्शन, 2.47 लाख लोगों को मिली मदद, शिकायतों में 20% की बढ़ोतरी
यूपी पुलिस की आपातकालीन सेवा UP-112 ने दिवाली के दौरान 2.47 लाख से अधिक जरूरतमंदों को तत्काल सहायता प्रदान करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
दिवाली के दौरान शिकायतों में 20% की बढ़ोतरी UP-112 के लिए एक बड़ी चुनौती भी थी।
लखनऊ डेस्क : उत्तर प्रदेश में, इस वर्ष दिवाली के त्योहार के दौरान आपातकालीन सेवा UP-112 ने जरूरतमंदों की मदद करने में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। दिवाली के तीन दिनों में, UP-112 ने 2.47 लाख से अधिक लोगों को तत्काल सहायता प्रदान की। यह आंकड़ा पिछले साल दिवाली के मुकाबले दर्ज की गई शिकायतों की संख्या में 20 प्रतिशत ज्यादा थी। इस दौरान, पुलिस, अग्निशमन और चिकित्सा संबंधी आपातकालीन सेवाओं के लिए सबसे अधिक कॉल प्राप्त हुईं।
सेवा और सहयोग - पिछले साल के मुकाबले बढ़ा भरोसा
दिवाली का समय आमतौर पर जश्न, भीड़-भाड़ और कभी-कभी अप्रिय घटनाओं का भी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, इस साल UP-112 की टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया था। दिवाली के आस-पास के तीन दिनों जैसे धनतेरस से भाई दूज तक में 2 लाख 47 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने किसी न किसी आपात स्थिति में सहायता के लिए संपर्क किया।
UP-112 ने अपनी प्रतिक्रिया की गति को बनाए रखा। यह ध्यान रखा गया कि कि हर एक कॉल को गंभीरता से लिया जाए और न्यूनतम समय में संबंधित पुलिस, एम्बुलेंस या अग्निशमन इकाई को घटनास्थल के लिए रवाना किया जाए। कॉल की प्रकृति में मुख्य रूप से पारिवारिक विवाद, सड़क दुर्घटनाएं, आग लगने की छोटी-बड़ी घटनाएं, और चिकित्सा आपातकाल शामिल थे। त्योहार की गहमागहमी में अक्सर बढ़ जाने वाले छोटे-मोटे झगड़ों और शोर-शराबे की शिकायतों को भी तुरंत निपटाया गया, जिससे शांति भंग होने की घटनाओं को रोका जा सका।
चुनौतियों के बीच त्वरित प्रतिक्रिया और सेवाओं का तालमेल
दिवाली के दौरान शिकायतों में 20% की बढ़ोतरी UP-112 के लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन यूपी पुलिस ने अपनी मजबूत तकनीकी बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षित कर्मचारियों के दम पर इसका प्रभावी ढंग से सामना किया। इस दौरान, UP-112 के कॉल सेंटर में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया था ताकि कॉल वेटिंग टाइम को कम से कम रखा जा सके। आपको बता दें की शहरी क्षेत्रों से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, जो आतिशबाजी और बढ़ते यातायात के कारण होने वाली घटनाओं से जुड़ी थीं।
पीआरवी ने इस दौरान रिकॉर्ड संख्या में ट्रिप किए, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि रिस्पॉन्स टाइम तय मानकों के भीतर रहे।