होर्डिंग वार में नया दांव: भाजपा का 'डबल इंजन' बनाम सपा का 'प्रबल इंजन', 2027 के लिए बिछ रही सियासी बिसात!

फिर चलेगी समृद्धि की बयार, 2027 में आएगी प्रबल इंजन की सरकार' नारे के साथ सपा ने सीधे तौर पर भाजपा के 'डबल इंजन' को चुनौती दी है।

Updated On 2025-10-23 09:20:00 IST

हालांकि अखिलेश यादव का जन्मदिन दस्तावेजों में 1 जुलाई 1973 दर्ज है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सियासत में होर्डिंग पोस्टर वार की अहम भूमिका रहती है, लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर एक बार फिर एक विशाल होर्डिंग ने सबका ध्यान खींचा है। इस होर्डिंग के माध्यम से न केवल अखिलेश यादव के जन्मदिन पर संस्कृत भाषा में जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गई हैं, बल्कि इसके केंद्र में 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का सियासी एजेंडा भी रखा गया है। दरसल अखिलेश यादव का जन्मदिन 23 अक्टूबर को भी उनके कार्यकर्ता मानते हैं, होर्डिंग पर 'प्रबल इंजन की सरकार' का नारा लिखकर, समाजवादी पार्टी ने अपनी पिछली योजनाओं को एक ट्रेन के डिब्बों के रूप में दर्शाया है, जिसके इंजन पर अखिलेश यादव की तस्वीर है। यह रचनात्मक संदेश स्पष्ट करता है कि पार्टी ने अभी से मिशन 2027 की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें 'समृद्धि की बयार' लाने का वादा प्रमुख है। होर्डिंग में धनतेरस, दीपावली जैसे त्योहारों को भी शामिल करके पार्टी ने अपने संदेश को व्यापक बनाने का प्रयास किया है, जिससे यह सिर्फ एक जन्मदिन की बधाई न रहकर, एक संपूर्ण चुनावी

2027 के लिए 'प्रबल इंजन' की सियासी चाल

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले होर्डिंग का मुख्य नारा है, "फिर चलेगी समृद्धि की बयार, जब 2027 में आएगी प्रबल इंजन की सरकार।" इसमें 'प्रबल इंजन' सीधे तौर पर अखिलेश यादव के नेतृत्व को दर्शाता है, जबकि इंजन से जुड़ी ट्रेन के डिब्बों पर सपा शासनकाल की प्रमुख योजनाओं को संक्षेप में कोड (P, D, E, S) के रूप में दर्शाया गया है। इसमें 'P' से 'प्रगति', 'D' से डेवलपमेंट 'विकास', 'E' एंप्लॉयमेंट से 'रोजगार', और 'S' सिक्योरिटी से 'सुरक्षा' जैसी बातें लिखी हैं, जिन्हें पार्टी अपनी वापसी का आधार बना रही है। यह होर्डिंग 2027 का चुनाव सपा अखिलेश यादव के व्यक्तित्व और उनके पूर्व शासनकाल में किए गए कार्यों को केंद्र में रखकर लड़ेगी। समाजवादी पार्टी का यह राजनीतिक संदेश जनता के बीच यह स्थापित करने का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश को प्रगति के पथ पर वापस लाने के लिए 'डबल इंजन' नहीं, बल्कि एक 'प्रबल इंजन' की आवश्यकता है। यह होर्डिंग केवल कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने का काम नहीं कर रहा, बल्कि सीधे तौर पर मतदाताओं को पार्टी के पिछले काम और भविष्य के वादों को याद दिला रहा है।

संस्कृत में शुभकामना और सांस्कृतिक संदेश

होर्डिंग पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को संस्कृत में जन्मदिन की शुभकामनाएं देना एक राजनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। शुभकामनाओं में संस्कृत श्लोकों का प्रयोग यह दर्शाता है कि समाजवादी पार्टी अब केवल 'एमवाई' (मुस्लिम-यादव) समीकरण तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि अपने दायरे को बढ़ाते हुए सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील मतदाताओं को भी आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। यह कदम एक तरह से पार्टी की 'सॉफ्ट हिंदुत्व' की रणनीति को दिखाता है, जो हाल के वर्षों में कई क्षेत्रीय दलों द्वारा अपनाया गया है। एक तरफ जहां पार्टी अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखती है, वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक के प्रति सम्मान दर्शाकर बहुसंख्यक समाज के बीच अपनी स्वीकार्यता बढ़ाना चाहती है। हालांकि अखिलेश यादव का जन्मदिन दस्तावेजों में 1 जुलाई 1973 दर्ज है, इस होर्डिंग को सपा नेता जयराम पाण्डेय ने लगवाया है, जिसका उद्देश्य पार्टी को एक व्यापक और सर्व-समावेशी राजनीतिक मंच के रूप में प्रस्तुत करना है।

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