काशी से देश को सौगात: PM मोदी ने चार नई वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, बोले- ये यात्राएं राष्ट्र की आत्मा को जोड़ने की परंपरा हैं
काशी में पीएम मोदी ने चार वंदे भारत ट्रेनें राष्ट्र को समर्पित कीं, जिससे देश में कनेक्टिविटी का नया दौर शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि इन ट्रेनों से यात्रा समय घटेगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी ने बनारस रेलवे स्टेशन से एक साथ चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित किया।
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से देश के रेल नेटवर्क को एक बड़ी मजबूती प्रदान की है। उन्होंने बनारस रेलवे स्टेशन से एक साथ चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इन हाई-स्पीड ट्रेनों को केवल यात्रियों की सुविधा तक सीमित न रखते हुए, देश की सांस्कृतिक और भावनात्मक एकता का प्रतीक बताया। यह लोकार्पण भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी एजेंडे को दिखाता है।
वाराणसी को मिली 8वीं वंदे भारत ट्रेन, पीएम मोदी ने 'नमः पार्वती पतये' से की संबोधन की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा इस साल का 5वां दौरा था और वाराणसी के सांसद के रूप में यह उनका 53वां दौरा था। लोकार्पण समारोह में पीएम मोदी ने 'नमः पार्वती पतये' के उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण को विकसित भारत के संकल्प से जोड़ा। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आज देश में शुरू की गई वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव तैयार कर रही हैं। उन्होंने इसे भारतीय रेलवे को पूरी तरह से बदलने का एक व्यापक अभियान बताया।
उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक ऐसी ट्रेन है जो 'भारतीयों की, भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए' बनाई गई है और जिस पर देश के हर नागरिक को गर्व है। पीएम मोदी ने कहां कि जिस तरह से भारत ने विकसित भारत के लक्ष्य को पाने के लिए अपने साधनों को श्रेष्ठ बनाने का अभियान शुरू किया है, ये आधुनिक ट्रेनें उसमें एक मील का पत्थर बनने जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति में सदियों से चली आ रही तीर्थ यात्राओं की परंपरा पर विशेष बल दिया।
उन्होंने कहा कि ये यात्राए केवल देवदर्शन का मार्ग नहीं हैं, बल्कि ये भारत की आत्मा को जोड़ने वाली पवित्र परंपरा हैं। उन्होंने प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार, चित्रकूट और कुरुक्षेत्र जैसे अनगिनत तीर्थ क्षेत्रों का उल्लेख किया, जो हमारी आध्यात्मिक धारा के केंद्र हैं।
पीएम ने कहा कि आज जब ये पावन धाम वंदे भारत के नेटवर्क से जुड़ रहे हैं, तो यह एक तरह से भारत की संस्कृति, आस्था और विकास को जोड़ने का भी काम कर रहा है। उन्होंने इस पहल को भारत की विरासत के शहरों को देश के विकास का प्रतीक बनाने की दिशा में एक अहम कदम बताया।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने काशी के विकास कार्यों, विशेष रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं में हुई प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास बनारस आने, यहा रहने और काशी की सुविधाओं का उपयोग करने के अनुभव को सभी के लिए खास बनाना है।
उन्होंने कहा कि 10-11 साल पहले काशी में गंभीर बीमारी का इलाज करना कितना मुश्किल था, जहा लोगों के पास केवल बीएचयू का ही विकल्प था और बेड के लिए पूरी-पूरी रात खड़े रहना पड़ता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने काशी के लोगों की इन चिंताओं को दूर करते हुए महामना कैंसर अस्पताल समेत कई नए अस्पताल बनवाए हैं।
उन्होंने कहा इस क्रांति का लाभ पूर्वांचल और आसपास के राज्यों को मिल रहा है, जहाँ आयुष्मान भारत और जन औषधि केंद्र जैसी योजनाओं की वजह से गरीबों के करोड़ों रुपये की बचत हो रही है।
चार नए मार्गों का लोकार्पण
प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पित की गई चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें देश के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ेंगी, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ये चार मार्ग हैं:-
बनारस- खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस: यह ट्रेन वाराणसी को प्रयागराज, चित्रकूट और मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक तथा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहो से जोड़ेगी। इस रूट पर यात्रा का समय लगभग 2 घंटे 40 मिनट तक कम हो जाएगा, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सीधा लाभ मिलेगा।
लखनऊ- सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस: यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के राजधानी क्षेत्र को पश्चिमी यू.पी. के महत्वपूर्ण शहरों जैसे बरेली, मुरादाबाद, और सहारनपुर से जोड़ेगी, जिससे व्यापारिक और प्रशासनिक आवागमन सुगम होगा।
फिरोजपुर- दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस: यह पंजाब के फिरोजपुर, बठिंडा और पटियाला को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगी। यह इस मार्ग पर सबसे तेज़ सेवा होगी, जो मात्र 6 घंटे 40 मिनट में यात्रा पूरी करेगी।
एर्नाकुलम- बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस: यह ट्रेन दक्षिण भारत के वाणिज्यिक और आईटी केंद्रों, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक को कनेक्ट करेगी, जिससे पेशेवरों और छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी।
संगठनात्मक बैठक और दो दिवसीय दौरे
प्रधानमंत्री का यह दो दिवसीय दौरा 7 नवंबर शाम को उनके वाराणसी आगमन के साथ शुरू हुआ। आगमन के बाद, उन्होंने बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ संगठनात्मक बैठक में हिस्सा लिया, जहा आगामी विधानसभा चुनाव 2027 और संगठनात्मक मजबूती पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री का यह दौरा अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों की समीक्षा करने, रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और जनता के बीच विकास कार्यों का संदेश पहुंचाने के व्यापक उद्देश्य से किया गया था।
रेलवे के आधुनिकीकरण का बढ़ता कदम
इन चार नई ट्रेनों के लोकार्पण के साथ ही, देश में चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की कुल संख्या में वृद्धि हुई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ये ट्रेनें अपनी उन्नत तकनीक, तेज गति और आरामदायक सुविधाओं के कारण यात्रियों की पसंदीदा बनती जा रही हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में देश के सभी प्रमुख रूटों को इन अत्याधुनिक ट्रेनों से जोड़ा जाए, जिससे भारत की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी और आम जनता को यात्रा का एक नया अनुभव प्राप्त होगा।