खुशी से झूमे युवा: ऐतिहासिक पहल! छात्रों को नवरात्रि पर मिला 'समय से पहले' छात्रवृत्ति का तोहफा, CM योगी ने किया वितरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहली बार छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले यह राशि शैक्षणिक सत्र खत्म होने के समय, यानी फरवरी-मार्च में मिलती थी, जिससे छात्रों को तत्काल मदद नहीं मिल पाती थी।

Updated On 2025-09-26 13:35:00 IST

योगी सरकार का 'नवरात्र तोहफा' लाखों छात्रों के खातों में 6 महीने पहले पहुंची स्कॉलरशिप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं को नवरात्र के पावन अवसर पर एक बड़ा तोहफा दिया है। पहले जो छात्रवृत्ति फरवरी-मार्च के महीने में मिला करती थी, उसे इस बार सितंबर में ही वितरित करके सरकार ने एक नई और ऐतिहासिक पहल की है। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक भव्य 'छात्रवृत्ति वितरण समारोह' में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतीकात्मक तौर पर कई विद्यार्थियों को चेक प्रदान कर इस महाभियान की शुरुआत की, जिसकी सभी विद्यार्थियों ने सराहना की।

4 लाख से अधिक विद्यार्थियों को मिला पहले चरण का लाभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह के दौरान घोषणा की कि इस कदम से प्रदेश के 4 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को तत्काल लाभ मिला है। पहले चरण में, 3,96,602 विद्यार्थियों के बैंक खातों में सीधे ₹89.96 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित की गई है। इस धनराशि में पूर्वदशम और दशमोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति दोनों शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष लगभग 70 लाख से अधिक छात्रों को इस योजना का लाभ मिले, जो पिछले वर्ष (लगभग 59 लाख) की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। यह पहल सुनिश्चित करती है कि छात्रों को अपनी शैक्षिक जरूरतों के लिए समय पर आर्थिक सहायता मिल सके।

फरवरी-मार्च की जगह सितंबर में वितरण: क्यों है ये महत्वपूर्ण?

मुख्यमंत्री ने इस बदलाव को 'क्रांतिकारी पहल' बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले छात्रवृत्ति मिलने में देरी होती थी और यह राशि शिक्षा सत्र समाप्त होने के करीब यानी फरवरी या मार्च में मिलती थी। इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई, फीस और अन्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तुरंत सहायता नहीं मिल पाती थी। अब, सितंबर में, यानी शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही, राशि मिलने से विद्यार्थी समय पर अपनी फीस भर सकेंगे, किताबें खरीद सकेंगे और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक तरह से छात्रों के लिए दीपावली का गिफ्ट भी है।

'भेदभाव' की समाप्ति और पारदर्शिता पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में पिछली सरकारों पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "2017 के पहले छात्रों को छात्रवृत्ति देने में भेदभाव किया जाता था।" उन्होंने बताया कि 2017 में जब उनकी सरकार आई, तो उन्होंने 2016-17 और 2017-18 की लंबित छात्रवृत्ति एक साथ दी। उन्होंने जोर दिया कि अब उनकी सरकार बिना किसी भेदभाव के, सभी वर्गों के योग्य छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दे रही है। इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से पारदर्शी बनाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि पैसा सीधे और समय पर लाभार्थी के खाते में पहुँचे।

छात्रों के लिए 'सशक्तिकरण' का जरिया

छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना केवल वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि यह छात्रों के सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण जरिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार छात्र-छात्राओं के भविष्य और उनके हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह राशि उन गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के लिए एक बड़ा सहारा है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। समय पर स्कॉलरशिप मिलने से शिक्षा में किसी प्रकार की अड़चन या बाधा नहीं आएगी और वे बेहतर शिक्षा के माहौल में आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इस पहल के माध्यम से, सरकार शिक्षा में समानता लाने और ड्रॉपआउट रेट को कम करने की दिशा में काम कर रही है।

कल्याणकारी योजनाओं की व्यापक रणनीति

मुख्यमंत्री ने बताया कि छात्रों को समय से पूर्व छात्रवृत्ति मिल सके, इसके लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण, समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मिलकर व्यापक रणनीति बनाई। विभिन्न विभागों के समन्वय और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन से ही यह संभव हो पाया कि इस बार वितरण इतना जल्दी हो सका। योगी सरकार का यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि प्रदेश के हर योग्य छात्र को आगे बढ़ने का समान अवसर मिले। यह कदम राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने और एक मजबूत भविष्य की नींव रखने की दिशा में एक बड़ा और प्रशंसनीय कदम है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समय से पहले छात्रवृत्ति का वितरण न केवल एक राहत भरी खबर है, बल्कि यह सरकार की पारदर्शिता और छात्र-हितैषी नीतियों का प्रमाण भी है। नवरात्र के शुभ अवसर पर मिला यह तोहफा लाखों छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा की राह में नई ऊर्जा भरने का काम करेगा।


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