Human Trafficking मामले में खुलासा: मदरसों के बच्चों को बड़े शहरों में मजदूरी के लिए भेजा, बदले में वसूली मोटी रकम

Human Trafficking: एक चौंकाने वाले खुलासे में, मानव तस्करी के संदेह के बीच अयोध्या से बचाए गए बच्चों ने शोषण के भयावह अनुभवों का खुलासा किया। इन बच्चों ने बताया कि सहारनपुर ले जाने के बाद मजदूरी करने के लिए विवश किया गया। मना करने पर मारपीट की गई। 

Updated On 2024-04-28 13:14:00 IST
Human Trafficking case

Human Trafficking Case: एक चौंकाने वाले खुलासे में, मानव तस्करी के संदेह के बीच अयोध्या से बचाए गए बच्चों ने शोषण के भयावह अनुभवों का खुलासा किया। शुक्रवार को बचाए गए 99 बच्चों में से कई को मदरसों में पढ़ने की आड़ में सहारनपुर भेजा गया था। इन बच्चों ने बताया कि सहारनपुर ले जाने के बाद मजदूरी करने के लिए विवश किया गया। मना करने पर मारपीट भी गई। 

कई बड़े शहरों में की गई बच्चों की तस्करी
राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने खुलासा किया कि बच्चों को बिहार से शबे नूर उर्फ "मामू" द्वारा विभिन्न मदरसों में भेजा जा रहा था। इन बच्चाें की ट्रैफिकिंग सिर्फ सहारनपुर तक सीमित नहीं थी। इन बच्चों को दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, औरंगाबाद, बेंगलुरु और आज़मगढ़ के मदरसों में तस्करी कर ले जाया गया। इसके बदले मोटी रकम वसूल की गई।

दो मदरसा संचालक गिरफ्तार किए गए
बता दें कि बीते शुक्रवार को देवबंद के प्रमुख मदरसों के संचालक तौसीफ और रिजवान को बच्चों को ले जाते हुए पकड़ा गया। गैर कानूनी ढंग से दूसरे शहर भेजे जा रहे बच्चों को बचाने के बाद लखनऊ के मुमताल आश्रय में देखभाल के लिए रखा गया है। बच्चाें को सुरक्षित वापसी के लिए हलफनामे की सुविधा के लिए उनके माता-पिता के आने का इंतजार किया जा रहा है। 

बच्चों से हलफनामे पर जबरन कराए गए हस्ताक्षर
आगे की जांच में एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है मदरसा संचालक बच्चों को शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करते थे। इन हलफनामों में इस बात का भी जिक्र कि है अगर बच्चों की मौत भी हो जाती है तो मदरसा संचालकों की जिम्मेदारी नहीं है। मदरसों में शिक्षा की आड़ में मासूम बच्चों का शोषण कराने वाले संचालक इसके लिए बच्चों के माता पिता से भी हलफनामे पर साइन करवा लेते थे। 

अच्छी शिक्षा देने का दिलाया गया भरोसा
मदरसे में पढ़ने वाले कई बच्चों ने बताया कि उन्हें अच्छी शिक्षा देने का भरोसा दिलाया गया था। एक बच्चे ने बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहता है लेकिन मदरसे में सिर्फ दीनी तालीम दी जा रही थी। कुछ बच्चों ने कहा है कि वह वापस मदरसा नहीं जाना चाहते। प्रशासन बच्चों की काउंसलिंग कर रहा है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि बच्चों को मदरसे में किन परिस्थतियों से जूझना पड़ा। 

गिरफ्तार मौलवियों से पूछताछ जारी
राज्य बाल संरक्षण आयोग ने दावा किया है कि जिन बच्चों को बचाया गया है, उनमें से ज्यादातर बच्चे प्राथमिक स्कूल के छात्र हैं। ऐसे में इन बच्चों को मदरसा क्यों भेजा जा रहा था इस बात का पता लगाया जाना चाहिए। एसी ग्रामीण अतुल सोनकर ने बताया कि बच्चों को जल्द ही बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके बाद बच्चों की कस्टडी उनके माता-पिता को सौंप दी जाएगी। इस बीच पकड़े गए मौलवियों से पूछताछ जारी है। 

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