MP News: रीवा में रातों-रात गायब हुए तीन तालाब, ग्रामीणों ने कराई मुनादी- 'ढूंढने वाले को मिलेगा इनाम

रीवा जिले में तीन तालाब रातों-रात गायब हो गए। ग्रामीणों ने ढोल बजाकर मुनादी कराई और इनाम का ऐलान किया। मामला अमृत सरोवर योजना और भ्रष्टाचार से जुड़ा।

Updated On 2025-09-04 11:33:00 IST

तीन तालाब गायब होने पर ग्रामीणों ने ढोल बजाकर मुनादी कराई। 

MP News: एक अजब-गजब मामला सामने आया है, जहां रीवा जिले के पूर्वा मनीराम और अमिलिया पंचायत में तीन तालाब रातों-रात 'चोरी' हो गए। ग्रामीणों ने चाकघाट थाने में तालाब चोरी की अनोखी शिकायत दर्ज कराई, जिसने पुलिस और प्रशासन को भी हैरानी में डाल दिया। परेशान ग्रामीणों ने तालाब ढूंढने के लिए गांव में मुनादी करवा दी कि जो कोई तालाब का पता लगाएगा, उसे उचित इनाम दिया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

मामला पूर्वा मनीराम पंचायत के कठौली गांव का है, जहां अमृत सरोवर योजना के तहत 24.94 लाख रुपए की लागत से तालाब बनाया गया था। सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, यह तालाब 9 अगस्त 2023 को बनकर तैयार हुआ और खसरा नंबर 117 पर दर्ज था। लेकिन हकीकत में यह तालाब कहीं दिखाई नहीं दे रहा।

ग्रामीणों का कहना है कि तालाब 'चोरी' हो गया, जबकि पुलिस इसे भ्रष्टाचार का मामला मान रही है। एक ग्रामीण ने मजाक में कहा, "कुछ दिन पहले तो मैंने इस तालाब में मछली पकड़ी थी, अब तालाब ही गायब है!

"कागजों में तालाब, हकीकत में खाली जमीन

राजस्व विभाग के एक पत्र से खुलासा हुआ कि तालाब का निर्माण शासकीय जमीन पर नहीं, बल्कि निजी जमीन (खसरा नंबर 122) पर किया गया, जो राजेश कुमार और धीरेश कुमार के नाम पर दर्ज है।

जांच में पता चला कि एक नाले की शाखा को मोड़कर मिट्टी का अस्थाई बांध बनाया गया और इसे तालाब का रूप दे दिया गया। कागजों में तालाब बन गया, लेकिन हकीकत में ऐसा कोई तालाब था ही नहीं। जानकारों का मानना है कि बारिश या अन्य कारणों से यह अस्थाई बांध टूट गया होगा, जिससे सारा पानी बह गया और तालाब 'गायब' हो गया।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

चाकघाट थाने के प्रभारी घनश्याम तिवारी ने बताया कि यह चोरी का नहीं, बल्कि अनियमितता का मामला है। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सरपंच से 24.94 लाख रुपए की राशि वसूलने के निर्देश दिए हैं।

सरपंच धीरेश तिवारी, जो वर्तमान में बीजेपी के रायपुर मंडल उपाध्यक्ष भी हैं, ने दावा किया कि उन्होंने अपनी निजी जमीन का हिस्सा सरकार को दान दिया था, जिससे मामला और उलझ गया है।

ग्रामीणों का अनोखा कदम

तालाब का पता न लगने से हताश ग्रामीणों ने गांव में ढोल बजवाकर मुनादी कराई कि जो कोई गायब तालाब ढूंढ लेगा, उसे इनाम दिया जाएगा। ग्रामीणों ने प्रशासन, पुलिस और यहां तक कि मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिला।

अमृत सरोवर योजना पर सवाल

अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य भूजल संरक्षण और जल संकट से निपटना था। मध्य प्रदेश में इसके तहत 5,839 तालाबों के निर्माण या जीर्णोद्धार का लक्ष्य था। लेकिन रीवा का यह मामला योजना में भ्रष्टाचार की संभावनाओं को उजागर करता है। ग्रामीणों का सवाल है कि अगर तालाब बना ही नहीं, तो 24.94 लाख रुपए कहां गए?

कलेक्टर प्रतिभा पाल के जांच आदेश के बाद पुलिस और राजस्व विभाग मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या यह वाकई तालाब की चोरी है या सरकारी फंड के दुरुपयोग का मामला? यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। तब तक ग्रामीण तालाब की तलाश में ढोल पीट रहे हैं और इनाम की उम्मीद जगा रहे हैं।

Tags:    

Similar News