कालिदास समारोह : उज्जैन में स्काई डाइविंग के बीच साहित्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का संगम

66th Ujjain Kalidas Festival: उज्जैन में मंगलवार 12 नवम्बर को 66वें कालिदास समारोह शुरू हुआ। 4 बजे उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व CM मोहन यादव शुभारंभ किया

Updated On 2024-11-14 07:53:00 IST
Ujjain Kalidas Festival

66th Ujjain Kalidas Festival: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 66वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह आयोजित किया गया है। मंगलवार 12 नवम्बर को शाम 4 बजे उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुभारंभ करेंगे। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान 8 विभूतियों को कालिदास अलंकरण से सम्मानित किया। 

कालिदास समारोह में शाम 7 बजे से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और बुधवार 13 नवम्बर को सुबह 10 बजे शोध संगोष्ठी और व्याख्यान माला हुई। शाम 7 बजे शास्त्रधर्मी शैली पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। सोमवार को मंगल कलशयात्रा और नान्दी-भक्ति संगीत का कार्यक्रम हुआ।

8 विभूतियों को कालिदास अलंकरण सम्मान 

कला क्षेत्र  सम्मानित विभूतियां 
शास्त्रीय गायन पं. उदय भावलकर पुणे (2022)
पं. अरविंद पारेख मुंबई (2023)
शास्त्रीय नृत्य  डॉ. संध्या पुरेचा मुंबई (2022)
गुरु कलावती देवी मणिपुर (2023)
कला और शिल्प  पीआर दारोच दिल्ली  (2022)
 रघुपति भट्ट मैसूर (2023)
नाट्य  भानु भारती राजस्थान (2022
रुद्रप्रसाद सेन गुप्ता कोलकाता (2023) 

 
 कालिदास समारोह में यह कार्यक्रम भी होंगे 

  • 14 नवम्बर को शोध संगोष्ठी का द्वितीय सत्र, व्याख्यान माला कुटुम्ब व्यवस्था, हिन्दी नाटक वसन्त सेना का प्रस्तुतीकरण  
  • 15 नवम्बर को संगोष्ठी का तीसरा सत्र, व्याख्यान माला-कालिदास का पर्यावरण चिंतन, लोक गायन और नाटक अभिज्ञान शाकुन्तलम् की प्रस्तुति 
  • 16 नवम्बर को संस्कृत कवि समवाय, अन्तर्विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता, लोक नृत्य की प्रस्तुति  
  • 17 नवम्बर को अन्तर महाविद्यालयीन काव्य पाठ, अन्तर महाविद्यालयीन हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता, शास्त्रीय गायन  
  • 18 नवम्बर को 4 बजे समापन सत्र और शाम 7 बजे शास्त्रीय शैली में वादन 

स्काई डाइविंग का रोमांच
कालिदास समारोह में शामिल आगंतुक उज्जैन में स्काई डाइविंग के रोमांच का भी लुत्फ उठा सकेंगे। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने उज्जैन की दताना एयर स्ट्रिप पर स्काई डाइविंग का आयोजन किया है। पर्यटक 10 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर महाकाल की नगरी को निहार सकेंगे। यह आयोजन 3 माह चलेगा।

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