Bhopal: भोपाल में डेढ़ सौ सिटी बसों का संचालन रुका, पुरानी बकाया राशि भुगतान कराने पर अड़े ऑपरेटर; 50 हजार लोगों का आवागमन प्रभावित

Bhopal: भोपाल में करीब एक साल बाद भी सड़कों पर 368 में से सिर्फ 60 बसें ही चल पा रही हैं। 20 बसें किसी न किसी कारण से मेंटेनेंस को लेकर वर्कशाप में खड़ी रहती हैं। जबकि 149 बसों को ऑपरेटर डिपो से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं।

Updated On 2025-01-06 19:58:00 IST
Bhopal City Bus News

आनंद सक्सेना, भोपाल: भोपाल में करीब एक साल बाद भी सड़कों पर 368 में से सिर्फ 60 बसें ही चल पा रही हैं। 20 बसें किसी न किसी कारण से मेंटेनेंस को लेकर वर्कशाप में खड़ी रहती हैं। जबकि 149 बसों को ऑपरेटर डिपो से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। इन ऑपरेटरों के अनुसार पहले उन्हें पिछले बकाया करीब दो करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया जाए, उसके बाद सिटी बसें राजधानी की सड़कों पर दौड़ेंगी। वहीं निगम अधिकारियों के अनुसार बसों के संचालन में काफी घाटा हो रहा है। इसलिए शासन को पत्र लिखकर सहयोग मांगा गया है। जबकि बीसीसीएल कंपनी के डायरेक्टर का कहना है कि अधिकारी बसों को नहीं चलने दे रहे हैं। पुराना बकाया भुगतान कर दें तो बसों को संचालन होने लगेगा।

सिटी बसों के न चलने से राजधानी भोपाल में डेढ़ हजार नए आटो चलने लगे हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं किराया भी दो से तीन गुना अधिक देना पड़ रहा है और दुर्घटना का भी डर बना रहता है। इस संबंध में बस ऑपरेटरों के अनुसार बीसीएलल कंपनी कोई प्रयास ही नहीं कर रही कि बसों का संचालन हो। यही कारण है कि पुराना बकाया भुगतान रोकने के अलावा टिकिट कलेक्शन कंपनी नहीं ढूंढ पा रही। नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के अनुसार अधिकारियों से कहा गया है कि निगम स्वयं ही ड्रायवर कंडेक्टरों को कांट्रेक्ट के आधार पर बसों को संचालन कराए। इससे रोजाना ही आय व्यय की जानकारी मिलेगी और बसों का संचालन सही तरीके से हो सकेगा।

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50 हजार लोग परेशान
भोपाल में 149 सिटी बसों के न चलने से करीब 50 हजार से ज्यादा यात्री रोजाना परेशान हो रहे हैं। इसके बाद भी बीसीएलएल कंपनी गंभीर नहीं दिख रही है। बीसीएलएल के डायरेक्टर मनोज राठौर के अनुसार नए नियम व शर्त तय करना होंगा और उन कंपनियों का चयन करना होगा, जो आगे बसों को बंद न करें। इसके प्रयास किए जा रहे हैं।

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बसों के संचालन में सबसे बड़ा व्यवधान
बसों के संचालन में व्यवधान की असली वजह टिकट एजेंसी चलो एप ने प्रति किलोमीटर दी जाने वाली राशि घटाने की मांग की है। इसका विरोध बस ऑपरेटर मां एसोसिएट द्वारा किया गया। इस कारण न तो टिकिट कलेक्शन हो पा रहे हैं और न ही बसों का संचालन। शहर के 115, 113, 116, 205, 204, 208, एसआर 8, टीआर 1, 311 और 106 रूट पर बसों के नहीं चलने से रोजाना 50 हजार से अधिक यात्री प्रभावित हो रहे हैं।

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