MP News : सीएम मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन के नगर निगम पर 3 करोड़ का जुर्माना; एनजीटी ने दी वार्निंग

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर उज्जैन नगर निगम पर 3 करोड़ रुपए का पर्यावरण क्षति हर्जाना लगाया गया है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 महीने बीतने के बावजूद यह राशि जमा नहीं की।

Updated On 2024-10-23 23:03:00 IST
ujjain nagar nigam

भोपाल: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर उज्जैन नगर निगम पर 3 करोड़ रुपए का पर्यावरण क्षति हर्जाना लगाया गया है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 महीने बीतने के बावजूद यह राशि जमा नहीं की। एनजीटी ने इस मामले में जिला प्रशासन की मदद लेने के लिए कहा था, लेकिन इसके बावजूद नगर निगम ने अब तक राशि जमा नहीं की है।

मामला क्या है?
यह मामला उज्जैन के गोवर्धन तालाब के संरक्षण से संबंधित है, जहां अतिक्रमण और सीवेज के सीधे तालाब में गिरने की समस्या उठी थी। पिछले साल, बाकिर अली रंगवाला ने एनजीटी में याचिका दायर की थी, जिसमें गोवर्धन तालाब के संरक्षण की मांग की गई थी। एनजीटी ने तालाब का सीमांकन करने, सभी अतिक्रमण हटाने और नालों को सीधे तालाब में मिलने से रोकने के लिए एसटीपी (सेंट्रल ट्रीटमेंट प्लांट) बनाने के निर्देश दिए थे।

एनजीटी की सख्ती
हालांकि, अभी तक न तो सभी अतिक्रमण हटाए गए हैं और न ही एसटीपी का निर्माण पूरा हो सका है। इसके बाद एनजीटी ने नगर निगम उज्जैन को 3 करोड़ रुपए पर्यावरण क्षति हर्जाना वसूलने का आदेश दिया। इस राशि का उपयोग तालाब के पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों में किया जाना था। हाल ही में हुई सुनवाई में उज्जैन के एडीएम ने बताया कि नगर निगम को राशि जमा करने के लिए तीसरा रिमाइंडर भेजा गया है। एनजीटी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि नगर निगम की लापरवाही जारी रही, तो हर्जाने की राशि बढ़ाई जा सकती है। 

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