Online Fraud: ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू के नाम पर अव्वल ऐप पर ठगी, 5 रुपए प्रोसेसिंग फीस पेमेंट करते ही उड़े डेढ़ लाख

जालसाजों ने एक ऑनलाइन एप डाउनलोड कर महिला से उसके खाते और कस्टमर आईडी की जानकारी ली। इसके बाद खाते से 1 लाख 56 हजार रुपए कट गए।

Updated On 2024-07-10 13:55:00 IST
एप को डाउनलोड करते ही ठगी

Online Fraud: अगर आप ऑनलाइन अपना लाइसेंस रिन्यूअल करा रहे हैं तो सतर्क हो जाएं। क्योंकि आपके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी भी हो सकती है। इसी तरह का मामला हबीबगंज इलाके में हुआ जब एक महिला के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी कर खाते से डेढ़ लाख रुपए जालसाजों ने निकाल लिए।

पुलिस ने एक महिला कर्मचारी की शिकायत पर अज्ञात साइबर जालसाज के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। जालसाजों ने एक ऑनलाइन एप डाउनलोड कर महिला से उसके खाते और कस्टमर आईडी की जानकारी ली। इसके बाद खाते से 1 लाख 56 हजार रुपए कट गए। महिला ने घटना की शिकायत साइबर सेल में की थी। साइबर सेल ने जीरो पर प्रकरण दर्ज कर डायरी हबीबगंज थाने भेज दी है।

आरटीओ की साइट पर पूछताछ
पुलिस के मुताबिक बीडीए कॉलोनी शिवाजी नगर निवासी सुनीता गर्ग पत्नी संदीप गर्ग (58) सरकारी कर्मचारी हैं। अपना ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू करने के लिए उन्होंने विगत 14 फरवरी को आरटीओ की साइट पर जाकर कस्टमर केयर से पूछताछ कर रही थी। तभी उन्हें बताया कि अव्वल एप डाउनलोड करके आप आसानी से अपना ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू कर सकती हैं।

जालसाज पर महिला का भरोसा
फरियादिया महिला ने अपने मोबाइल में प्ले स्टोर से अव्वल एप डाउनलोड कर लिया और लाइसेंस रिन्यूअल की प्रक्रिया शुरू कर दी। जालसाज ने फोन कर बताया था कि हम आरटीओ ऑफिस से बात कर रहे हैं इसलिए महिला को उन पर विश्वास हो गया। महिला की शिकायत पर साइबर सेल ने जीरो पर केस दर्ज कर हबीबगंज पुलिस को भेजी डायरी।

न ओटीपी आया और न ही कोई मैसेज
जालसाजों ने महिला को फोन पर बताया कि एप के माध्यम से लाइसेंस रिन्यूअल के लिए पहले आपको 5 रुपए प्रोसेसिंग फीस का पेमेंट करना होगा। इसके लिए एप्लीकेशन डेट्स की लिंक पर जाकर पेमेंट करें। इसके बाद भी आपको रिन्यूअल की फीस भरनी होगी। महिला ने जैसे ही 5 रुपए का पेमेंट किया। पहली बार में उनके खाते से 98 हजार 270 की राशि दूसरे खाते में ट्रांसफर हुई, इसके बाद 40 हजार की राशि ट्रांसफर हुई।

इसके अलावा तीसरी बार 18 हजार रुपए की राशि निकाली गई। अलग-अलग तीन बार में उनके खाते से एक लाख 56 हजार 756 रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर हो गए। हैरत की बात तो यह है कि इस दौरान न तो कोई ओटीपी आया और न ही मेसेज। इसके बाद जब महिला ने खाते में बैलेंस चेक किया तो ठगी का पता चला। उन्होंने घटना की सूचना साइबर सेल को दी थी। हबीबगंज पुलिस ने असल पर प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

खातों की जांच कर रही पुलिस
आरोपी जालसाज के बैंक खातों के आधार पर खोजबीन की जा रही है। एचडीएफसी एक्सिस बैंक और एनएसडीएल बैंक के खातों में राशि ट्रांसफर हुई है। पुलिस खातों की जांच कर जालसाजों का पता कर रही है।

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