मोहन सरकार का बड़ा फैसला: मध्यप्रदेश में महिलाएं अब कर सकेंगी नाइट शिफ्ट में काम, जानिए नियम और शर्तें

Women night shift Job: मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं को फैक्ट्री, दुकान और व्यवसायिक संस्थानों में नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी है। जानिए क्या हैं नियम और सुरक्षा शर्तें।

Updated On 2025-07-04 18:28:00 IST

मध्यप्रदेश में महिलाओं को फैक्ट्रियों और दुकानों में नाइट शिफ्ट में काम करने की मिली अनुमति

Women night shift Job in MP: मध्यप्रदेश में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर और बढ़ गए हैं। राज्य सरकार ने उन्हें फैक्ट्रियों, दुकानों और व्यावसायिक संस्थानों में नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय महिला सशक्तिकरण और रोजगार में समानता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

किन शर्तों पर मिलेगी नाइट शिफ्ट की अनुमति?राज्य शासन द्वारा शुक्रवार (4 जुलाई 2025) को जारी अधिसूचना के अनुसार, संस्थानों को महिला कर्मचारियों को रात्रिकालीन पाली (नाइट शिफ्ट) में नियोजित करने से पहले कुछ नियत नियमों और सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन करना होगा। ये नियम अलग-अलग संस्थानों जैसे दुकानें, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और फैक्ट्रियों के लिए तय किए गए हैं।

दुकानों और वाणिज्यिक संस्थानों के लिए नियम

  • महिला कर्मचारी की लिखित सहमति: रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक की पाली में काम करने के लिए महिला कर्मचारी की लिखित सहमति अनिवार्य है।
  • समूह में कार्य: कम से कम 5 महिला कर्मचारियों के समूह में ही उन्हें नाइट शिफ्ट में लगाया जाएगा।
  • सुरक्षित वातावरण: शौचालय, वॉशरूम, पेयजल और विश्राम कक्ष जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
  • सीसीटीवी और प्रकाश व्यवस्था: इन सुविधाओं तक जाने के रास्ते प्रकाश से युक्त और सीसीटीवी निगरानी में होंगे।
  • महिला सुरक्षा गार्ड: जहां 10 या अधिक महिलाएं कार्यरत हों, वहां महिला सुरक्षाकर्मियों की अनिवार्य व्यवस्था की जाएगी।

फैक्ट्रियों के लिए विशेष निर्देश

  • समय सीमा: महिला कर्मचारियों को रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने की अनुमति दी गई है।
  • ट्रांसपोर्ट सुविधा: नियोक्ता को महिला कर्मचारियों को घर से लाने और वापस ले जाने की परिवहन सुविधा प्रदान करनी होगी।
  • सुरक्षा उपाय: कार्यस्थल पर प्रकाश, शौचालय, विश्राम कक्ष, सीसीटीवी निगरानी और महिला सुरक्षाकर्मी अनिवार्य होंगे।
  • ठहराव की व्यवस्था: अगर कर्मचारियों के लिए रात्रि में ठहरने की व्यवस्था की गई है, तो वह महिला वार्डन या सुपरवाइजर की निगरानी में होगी।
  • सुपरवाइजरी में महिला भागीदारी: रात्रि शिफ्ट में कम से कम एक-तिहाई सुपरवाइजरी स्टाफ महिलाएं होंगी।
  • शिफ्ट इंटरवल: शिफ्ट बदलने के दौरान 12 घंटे का अंतराल अनिवार्य रूप से दिया जाएगा।

महिला सुरक्षा सर्वोपरि: सरकार की प्राथमिकता

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी संस्था ने इन नियमों का उल्लंघन किया या सुरक्षा में कोताही बरती, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला महिला श्रमिकों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। राज्य श्रम विभाग लगातार निरीक्षण और निगरानी भी करेगा ताकि कोई भी कंपनी या दुकानदार इन दिशा-निर्देशों की अनदेखी न कर सके।

महिलाओं के लिए रोजगार के नया अवसर

यह निर्णय उन महिलाओं के लिए राहत और अवसर लेकर आया है, जो नाइट शिफ्ट में काम करना चाहती हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते पीछे हटना पड़था था। नए नियम से बीपीओ, मेडिकल, रिटेल, फैशन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।

मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक है, बल्कि राज्य में उद्योगों और रोजगार को बढ़ावा देने का भी प्रयास है। महिलाओं को अब अपनी पसंद के अनुसार, समय और स्थान पर काम करने का अधिकार मिल रहा है। बशर्ते सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता दी जाए।

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