MP पुलिस छोड़ेगी BSNL: 79 हजार सिम कार्ड Airtel में होंगे पोर्ट, स्लो नेटवर्क से थी परेशानी

MP पुलिस ने BSNL की धीमी स्पीड से तंग आकर 79 हजार सिम Airtel में पोर्ट करने का फैसला लिया। पुलिसकर्मियों को तेज़ 5G नेटवर्क मिलेगा, जिससे जांच और दस्तावेज तेज़ और सुरक्षित होंगे।

Updated On 2025-06-30 13:49:00 IST

MP police sim numbers will port BSNL to airtel

अब मध्यप्रदेश पुलिस भी हाई-स्पीड नेटवर्क पर काम करेगी। पुलिस विभाग ने BSNL के धीमे नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड से तंग आकर बड़ा फैसला लिया है। जल्द ही पुलिस के करीब 79 हजार CUG (क्लोज़ यूज़र ग्रुप) सिम कार्ड Airtel नेटवर्क में पोर्ट किए जाएंगे। इससे पुलिस को 5G स्पीड की सुविधा मिलेगी, जो नए कानूनों और तकनीकी जरूरतों के लिए बेहद जरूरी है।

धीमे नेटवर्क से थी बड़ी परेशानी
अब तक पुलिस को BSNL की तरफ से 2G, 3G और कुछ जगहों पर 4G नेटवर्क मिल रहा था, जिससे बड़ी फाइलें भेजना, वीडियो रिकॉर्डिंग अपलोड करना या कोर्ट संबंधित दस्तावेजों को समय पर भेजना मुश्किल हो रहा था। खासकर दबिश की रिकॉर्डिंग सर्वर पर अपलोड करने जैसे जरूरी काम अटक रहे थे।

कई जिलों में नेटवर्क ही नहीं
प्रदेश के उज्जैन, विदिशा, अलीराजपुर और श्योपुर जिलों के कुछ थानों में तो BSNL का नेटवर्क ही नहीं मिलता था। ऐसे में अफसरों को आदेश भेजना भी मुश्किल हो जाता था। आज के समय में जब ज्यादातर पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया से निर्देश भेजते हैं, तब नेटवर्क की कमी एक बड़ी बाधा बन गई थी।

एसपी ने दिए निर्देश
एयरटेल कंपनी मप्र पुलिस को करीब 79 हजार नए सिम कार्ड देगी। एसएसपी रेडियो विजय खत्री ने पुराने BSNL सिम को एयरटेल में पोर्ट करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब पुलिसकर्मियों को तेज 5G नेटवर्क मिलेगा, जो तकनीकी जांच, वीडियो रिकॉर्डिंग और डिजिटल दस्तावेज भेजने जैसे जरूरी कामों के लिए बेहद अहम है।

2009 में शुरू हुआ था BSNL के साथ सफर
मप्र पुलिस ने पहली बार 2009 में BSNL के 9,410 सिम कार्ड खरीदे थे। बाद में 2014 में यह संख्या बढ़कर करीब 70 हजार हो गई। मकसद यह था कि हर पुलिसकर्मी को एक ऐसा नंबर मिले जो पद से जुड़ा हो और अफसर बदलने पर भी नंबर वही रहे, जिससे जनता को बार-बार नया नंबर न खोजना पड़े।

BSNL मप्र पुलिस को 79 रुपए प्रतिमाह में 2G/3G डेटा प्लान दे रहा था, जिसे बाद में 4G किया गया। लेकिन बड़ी फाइल ट्रांसफर करने में समय लगता था। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जब उन्हें कोई जरूरी दस्तावेज या वीडियो को तेजी से भेजना होता था, तो नेटवर्क की वजह से रुकावट आती थी।

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