MP Nursing Admission 2025: काउंसलिंग शुरू न होने से छात्र मजबूर, दूसरे राज्यों में ले रहे एडमिशन
छात्रों के पास प्रवेश के लिए सिर्फ 25 दिन बचे हैं। यदि MPNRC ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो सत्र 2025-26 के हजारों एडमिशन खतरे में पड़ जाएंगे।
MP Nursing Admission 2025
MP Nursing Admission 2025 : मध्यप्रदेश में नर्सिंग शिक्षा एक बार फिर संकट में है। MPNRC (मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल) की लापरवाही और काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी के चलते हजारों छात्रों का करियर अधर में लटक गया है। जहां यूपी और राजस्थान जैसे राज्यों में नर्सिंग एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहीं मध्यप्रदेश में अब तक मान्यता और काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई है। आरोप है कि कुछ अधिकारी पड़ोसी राज्यों के शिक्षा माफियाओं के दबाव में हैं, ताकि MP के छात्र बाहर एडमिशन लें।
छात्रों को पड़ रहे दूसरे राज्यों में जाना
काउंसलिंग शुरू न होने के कारण हजारों छात्र मजबूरी में पड़ोसी राज्यों में जाकर दाखिला ले रहे हैं। वहां उन्हें मनमानी फीस चुकानी पड़ रही है। छात्रों का कहना है कि अगर 30 सितंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो उनका साल बर्बाद हो जाएगा।
क्यों हो रही है देरी?
MPNRC ने दस्तावेज़ अपलोड के लिए 300 KB की सीमा तय कर दी थी, जिससे कॉलेजों को तकनीकी दिक्कतें हुईं। निरीक्षण पूरा होने के बावजूद मान्यता पत्र जारी नहीं किया गया है।
सीटों पर संकट
- बीएससी नर्सिंग (B.Sc.): 25,000 सीटें
- पोस्ट बेसिक बीएससी (Post Basic B.Sc.): 8,000 सीटें
- एमएससी नर्सिंग (M.Sc.): 7,000+ सीटें
यदि समय पर मान्यता और काउंसलिंग शुरू नहीं हुई, तो हजारों सीटें खाली रह जाएंगी और छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
छात्रों और कॉलेजों का नुकसान
- छात्रों को बाहर के राज्यों में ज्यादा फीस चुकानी पड़ रही है।
- वैध और मान्यता प्राप्त कॉलेजों की सीटें खाली रह जाएंगी।
- प्रदेश में भविष्य में नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी हो सकती है।
नर्सिंग फर्जीवाड़े का मामला
बता दें, CBI की जांच में कई फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का खुलासा हुआ था, जो सिर्फ कागजों पर चल रहे थे। हालांकि इनमें से कई कॉलेज बंद कर दिए गए, लेकिन सही कॉलेज और छात्रों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
अब आगे क्या?
छात्रों के पास प्रवेश के लिए सिर्फ 25 दिन बचे हैं। यदि MPNRC ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो सत्र 2025-26 के हजारों एडमिशन खतरे में पड़ जाएंगे।