MP News: एमपी नगर निगमों में 36 हजार कर्मचारी गायब, फेस अटेंडेंस से खुली पोल
राजधानी भोपाल में 20 हजार कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन 12 नवंबर को सिर्फ 13 हजार हाजिर मिले। यानी 7 हजार कर्मचारी बिना किसी वजह के गैरहाजिर थे। यह संख्या सिर्फ भोपाल की है, पूरे प्रदेश में स्थिति और भी चिंताजनक है।
MP नगर निगमों में 36 हजार कर्मचारी गायब
मध्यप्रदेश के 16 नगर निगमों में तैनात कुल 1.53 लाख अधिकारी-कर्मचारियों में से लगभग 36 हजार कर्मचारी एक झटके में ‘गायब’ निकल आए। यह चौंकाने वाला खुलासा तब सामने आया जब 12 नवंबर के फेस अटेंडेंस डेटा के लीक होने की जानकारी सामने आई। अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से प्रदेश में सभी नगर निगमों में फेस रिकग्निशन आधारित उपस्थिति प्रणाली अनिवार्य कर दी गई है, जिसके बाद यह पहला बड़ा डेटा शॉक है।
लीक डेटा का बड़ा खुलासा
कुल स्वीकृत पद: 1.53 लाख
एक्टिव कर्मचारी: 1.50 लाख
12 नवंबर को वास्तविक अटेंडेंस: 1.14 लाख
अनुपस्थित: करीब 36,000
आधिकारिक छुट्टी पर: बहुत कम
यह साफ है कि बिना किसी वैध कारण के बड़ी संख्या में कर्मचारी ड्यूटी से नदारद हैं।
भोपाल में सबसे बड़ी गड़बड़ी
राजधानी भोपाल में 20 हजार कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन 12 नवंबर को सिर्फ 13 हजार हाजिर मिले। यानी 7 हजार कर्मचारी बिना किसी वजह के गैरहाजिर थे। यह संख्या सिर्फ भोपाल की है, पूरे प्रदेश में स्थिति और भी चिंताजनक है।
अन्य निगमों में भी हड़कंप:
इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत सभी 16 नगर निगमों में फेस अटेंडेंस लागू होने के बाद यही स्थिति सामने आई है। कई निगमों में तो केवल 30-40% कर्मचारी ही ड्यूटी पर नजर आए। अब सवाल यह उठता है कि जब पहले मैनुअल हाजिरी थी, तब वास्तविक संख्या आखिर क्या थी?
फेस अटेंडेंस का असर
सूत्रों के अनुसार पुराने समय में मैनुअल उपस्थिति रजिस्टर में भारी गड़बड़ियां आम थीं, दूसरों की जगह किसी और का साइन, फर्जी मार्किंग, देर से आने वालों की एंट्री पीछे से करना आदि, लेकिन अब नए AI आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम में छेड़छाड़ लगभग नामुमकिन है। इसी वजह से वास्तविक उपस्थिति का सच पहली बार साफ-साफ सामने आया है।