सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत: मध्यप्रदेश में 9 साल बाद होंगे प्रमोशन, मोहन कैबिनेट से मिली मंजूरी; CM बोले-2 लाख नौकिरियों की संभावना

मध्यप्रदेश सरकार ने 9 साल बाद सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति को मंजूरी दी है। कैबिनेट बैठक में आरक्षण, वरिष्ठता और डीपीसी की व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया। पढ़ें पूरी खबर।

Updated On 2025-06-17 14:45:00 IST

MP government employees promotion

MP Promotion News : मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के हित में ऐतिहासिक फैसला लिया है। 9 साल बाद पदोन्नति (प्रमोशन) की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की मंजूरी कैबिनेट बैठक में दी गई है। मंगलवार, 17 जून को हुई इस बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसे वर्षों से प्रमोशन की राह देख रहे सरकारी सेवकों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।

नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा, यह फैसला केवल कर्मचारियों की पदोन्नति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे नई भर्तियों के रास्ते भी खुलेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रमोशन में आरक्षित वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है, ताकि संवैधानिक प्रावधानों का पालन हो।

प्रमोशन को मंजूरी: अग्रिम डीपीसी और रिव्यू डीपीसी
सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि प्रमोशन प्रक्रिया में किसी प्रकार की विधिक बाधा नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए अग्रिम डीपीसी (Departmental Promotion Committee) और रिव्यू डीपीसी की व्यवस्था की गई है। साथ ही पदोन्नति समिति को यह अधिकार दिया गया है कि शासकीय सेवकों की उपयोगिता का आकलन कर सके।

9 साल बाद हजारों कर्मचारियों को राहत
मध्यप्रदेश सरकार ने 2016 में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सरकार ने इस संबंध में एसएलपी (Special Leave Petition) भी दाखिल किया, लेकिन निर्णय लंबित रहा। अब 9 साल बाद हजारों कर्मचारियों को राहत देने वाला यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।


CM बोले-हर वर्ग के कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने X पर पोस्ट लिखकर बताया कि कैबिनेट बैठक में आज मध्य प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों के 9 वर्ष से लंबित पदोन्नति के मामले का निराकरण किया। इसमें SC-ST समेत सभी वर्ग के कर्मचारियों-अधिकारियों के हितों का ध्यान रखा गया है। पदोन्नति के बाद शासकीय सेवाओं में 2 लाख पद रिक्त होंगे। जिन पर नए सिरे से भर्ती की संभावना बनेगी।

  

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