बेस्ट ग्राम प्रवास पुरस्कार: पर्यटन से बदली किस्मत, होमस्टे से हर माह लाखों की कमाई; पढ़ें 3 महिलाओं की सक्सेस स्टोरी

मध्य प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन से जुड़कर महिलाएं लाखों की कमाई कर रही हैं। मोहन यादव सरकार ने 2025 के 'बेस्ट ग्राम प्रवास पुरस्कार' में तीन महिलाओं को उनके सफल होमस्टे के लिए सम्मानित किया।

Updated On 2025-06-21 23:27:00 IST

Best Gram Pravas Award 2025

MP Gram Pravas Award 2025: मध्य प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन अब सिर्फ छुट्टी बिताने का जरिया नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की प्रेरक मिसाल बनता जा रहा है। बुधवार को ‘बेस्ट ग्राम प्रवास पुरस्कार 2025’ से नवाजी गईं एमपी की 3 महिलाएं अन्य लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। घर में होमस्टे का संचालन कर हर माह वह एक से डेढ़ लाख की कमाई कर रही हैं। आइए उनकी सक्सेस स्टोरी को समझते हैं।

भोपाल कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में आयोजित ग्रामीण रंग, पर्यटन संघ उत्सव में लाडपुरा की उमा पाठक को प्रथम पुरस्कार मिला है। जबकि, राधापुरा की कमला कुशवाह और खारी गांव की गिरजा मारन को द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें उनके होमस्टे नवाचार, पारंपरिक आतिथ्य और पर्यटकों को देशी-विदेशी अनुभव देने के लिए सम्मानित किया।


प्रथम पुरस्कार: उमा पाठक

  • निवाड़ी जिले के ओरछा के पास लाडपुरा खास गांव में महुआ लेक व्यू होमस्टे का संचालन करने वाली उमा पाठक हर माह 1-1.5 लाख रुपए महीने की आमदनी करती हैं। 2021 कोविड के दौरान उन्होंने करीब ₹11 लाख रुपए के निवेश से होमस्टे सेवा शुरू की थी। अब तक 1700 से अधिक पर्यटक उनके यहां ठहर चुके हैं।
  • उमा पाठक ने बताया कि सितंबर से मार्च के बीच ₹1-1.5 लाख/महीना की आमदनी उन्होंने अपने होम स्टे से की है। सितारों की गिनती, झील का नज़ारा और ग्रामीण शांति के बीच लोग यहां शांति और सुकून महसूस करते हैं। 
  • उमा पाठक ने बताया कि कोविड के बाद पर्यटकों की पसंद बदली है। अब वे भीड़ से दूर, असली भारत को महसूस करना चाहते हैं। हमारे लिए हर अतिथि समान है। राज्यपाल हों या आम नागरिक।

द्वितीय पुरस्कार: कमला कुशवाह

निवाड़ी जिले के राधापुरा गांव में 'कमला ग्रामस्टे' की डायरेक्टर कमला कुशवाह ने बताया कि 2020 में हमने एक होमस्टे शुरू किया था, लेकिन अच्छा रिस्पांस मिला तो फिर तीन और होमस्टे खोले। सर्दी खत्म होते ही यहां दिल्ली और बेंगलुरु जैसी जगहों से पर्यटक आने लगते हैं। हमारे होमस्टे खेत के बीचों बीच स्थित है। जिसमें करीब 500 फलदार पेड़ और एक डेयरी है। यहां हम जैविक सब्जियां भी उगाते हैं। मेहमानों के लिए हम खेत में पैदा किए गए अनाज से ही भोजन बनाते हैं। परिवार के अन्य सदस्य सहयोग करते हैं। सीजन में हर माह 1 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है।  


तृतीय पुरस्कार: गिरिजा मारन

सीहोर जिले के खारी में गिरिजा ग्रामस्टे की संचालित करने वाली गिरिजा मारन पूरी तरह से अशिक्षित हैं, लेकिन मेहमानों की देखभाल में वह काफी पारंगत हैं। करीब 2 साल पहले उन्होंने होमस्टे की शुरुआत की थी, आज हर महीने करीब एक लाख रुपए की कमाई कर रही हैं। भोपाल से करीब होने के कारण यहां बड़ी संख्या में लोग त्यौहार और बर्थडे मनाने के लिए पहुंचते हैं। उनके द्वारा बनाई जाने वाली दाल-बाटी पर्यटकों की पसंदीदा डिश बन गई है। गिरिजा का कहना है कि मेहमानों को हम घर जैसा एहसास दिलाते हैं। यही हमारे होमस्टे की खासियत है। 

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