पुलिस कमिश्नर का सख्त एक्शन: भोपाल में 48 पुलिसकर्मी लाइन अटैच, कार्रवाई के दायरे में कई थानों के SI-ASI; जानें वजह
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा के निर्देश पर लापरवाही बरतने वाले 48 पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन अटैच किया गया। जानिए किन-किन अधिकारियों पर गिरी गाज और क्या हैं आरोप।
भोपाल में पुलिसकर्मियों पर एक्शन, 48 लाइन अटैच, लापरवाही और शिकायतों के चलते कार्रवाई
Bhopal Police Commissioner Action: भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने लापरवाह पुलिस कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया है। उन्होंने राजधानी के विभिन्न थानों में पदस्थ 48 पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन में अटैच करने के निर्देश दिए हैं। रविवार (6 जुलाई) को जारी की गई इस सूची में छह उप निरीक्षक (SI), तीन सहायक उप निरीक्षक (ASI), 12 हेड कांस्टेबल और 27 कांस्टेबल शामिल हैं।
पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा की छवि एक सख्त और निष्पक्ष अफसर की है। उनकी यह कार्रवाई विभाग में जवाबदेही और अनुशासन की भावना को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट संकेत दिए हैं कि ड्यूटी में लापरवाही और जनता के साथ दुर्व्यवहार अब बदर्शास्त नहीं किया जाएगा। ऐसे लोगों पर सख्त होगा।
किन पुलिस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई?
उप निरीक्षक (SI)
- नमिता साहू – महिला थाना
- मातादीन अहिरवार – निशातपुरा
- मुकेश स्थापक – एमपी नगर
- मूलचंद्र मीना – रातीबड़
- जितेंद्र बहादुर सिंह – यातायात पुलिस
- रामाश्रय यादव – जोन-4 पुलिस कार्यालय
सहायक उप निरीक्षक (ASI)
- ब्रजेंद्र सिंह – मिसरोद
- सुभाष त्यागी – बाग सेवनिया
- रामअवतार – बैरागढ़ थाना
इन अधिकारियों पर या तो ड्यूटी में घोर लापरवाही का आरोप था, या फिर इनके खिलाफ नागरिकों और सहकर्मियों की कई शिकायतें वरिष्ठ स्तर पर पहुंच चुकी थीं।
27 कांस्टेबल और 12 हेड कांस्टेबल लाइन हाजिर
पुलिस की जारी सूची के अनुसार 12 हेड कांस्टेबल और 27 कांस्टेबल को भी लाइन अटैच किया गया है। इनमें से कई कर्मचारी ट्रैफिक पुलिस, थानों और एक क्राइम ब्रांच यूनिट से जुड़े हुए थे। ट्रैफिक पुलिस से कम से कम 5 पुलिसकर्मी लाइन अटैच किए गए हैं, जबकि एक कांस्टेबल क्राइम ब्रांच में तैनात था।
पुलिस अधिकारी ने क्या कहा?
भोपाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन पुलिसकर्मियों की पहचान पूरी जांच के बाद की गई है। इनके कार्य व्यवहार, शिकायतों और ड्यूटी के प्रति रवैये की समीक्षा के बाद ये निर्णय लिया गया है। लाइन अटैचमेंट कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं होती। यह एक अनुशासनात्मक कार्रवाई है, जिससे संबंधित अधिकारी को उनके कर्तव्यों से हटाकर पुलिस लाइन में भेज दिया जाता है।
लाइन अटैचमेंट का क्या मतलब है?
'लाइन अटैच' होना किसी पुलिसकर्मी के लिए एक गंभीर चेतावनी के समान होता है। इसका मतलब है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से सक्रिय फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है। यह न सिर्फ उनकी छवि पर असर डालता है, बल्कि आगे के करियर पर भी प्रश्नचिह्न लगा देता है।
यह कार्रवाई आमतौर पर तब होती है जब..
- कोई पुलिसकर्मी ड्यूटी में लापरवाह हो,
- आम जनता या वरिष्ठों से लगातार शिकायतें मिलें,
- भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता के आरोप सामने आएं,
- या आचरण विभागीय नियमों के विरुद्ध हो।
पुलिस महकमे में हड़कंप
इस कार्रवाई से भोपाल पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। कुछ लोग इसे 'वर्क कल्चर सुधार' की सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं। जबकि, भोपालवासियों ने कार्रवाई का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर लिखा-इससे पुलिस जवाबदेह बनेगी। हमेशा जनता को डराने वाले पुलिसकर्मी अब खुद सुधार की राह पर होंगे।