MP Transfer: राजस्व विभाग में बड़ा फेरबदल, चहेतों पर नहीं आंच; RI-पटवारियों की ट्रांसफर लिस्ट पर BJP सांसद ने ही उठाए सवाल
भोपाल में 33 पटवारी और 4 राजस्व निरीक्षकों के ट्रांसफर हुए, लेकिन सांसद अलोक शर्मा ने इसे अधूरी कार्रवाई बताई है। उन्होंने 184 कर्मचारियों की सूची कलेक्टर को सौंपी थी।
MP Transfer : सतना जिले में 80 से अधिक पटवारियों और राजस्व कर्मचारियों के तबादले
Bhopal Patwari-RI Transfer : मध्य प्रदेश में अधिकारी-कर्मचारियों के तबादलों का दौर जारी है। 10 जून मंगलवार को लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों की तबादला सूची जारी हुई तो सवाल खड़े होने लगे। बीजेपी सांसद आलोक शर्मा ने इसे राजस्व विभाग की अधूरी कार्रवाई बताते हुए अन्य कर्मचारियों के ट्रांसफर की मांग की है। कहा, कई अधिकारी-कर्मचारी हैं, जिन्हें तबादले से रियायत दी गई है।
सांसद आलोक शर्मा ने सौंपी थी सूची
सांसद आलोक शर्मा ने 8 माह पहले प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप के सामने राजस्व कर्मचारियों की मनमानी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को 183 कर्मचारियों की सूची भी सौंपी थी। कुछ कर्मचारी तो 23 साल से एक जगह पदस्थ हैं।
सांसद आलोक शर्मा ने राजस्व विभाग में हुए तबादलों को अधूरी कार्रवाई बताया है। कहा, कलेक्टर को जो सूची सौंपी थी, उस आधार पर अन्य कर्मचारियों के भी तबादले होने चाहिए।
Bhopal Patwari-RI Transfer: ये रही तबादला सूची
इन कर्मचारियों के तबादले की मांग
दरअसल, भगवत सिंह धनगर, नरेंद्र बचोतिया, योगेंद्र सक्सेना, धर्मेंद्र कुशवाह, नासिर उद्दीन, महेश बंकरिया, मंगलेश खंडेलवाल, प्रियंका सिलावट और अभिषेक शर्मा सहित भोपाल जिले में कुछ राजस्व अधिकारी-कर्मचारी हैं, जो कई साल से एक ही तहसील और हल्के में पदस्थ हैं। इनके ट्रांसफर की मांग की जा रही है।
क्या कहते हैं नियम?
मध्य प्रदेश राजस्व विभाग ने अधिकारी कर्मचारियों के लिए जो गाइडलाइन जारी की है, उसमें पटवारी के लिए अधिकतम 3 साल और राजस्व निरीक्षकों के लिए अधिकतम 5 वर्ष की समय सीमा तय की है। इससे ज्यादा समय तक वह एक ही स्थान पर सेवाएं नहीं दे सकते, लेकिन भोपाल जिले में कई अधिकारी 15 से 23 साल से एक ही जगह पर पदस्थ हैं।
इसलिए नहीं हो पाते तबादले?
सूत्रों के मुताबिक, कई पटवारी वल्लभ भवन (राज्य सचिवालय) के उच्च अधिकारियों के संपर्क में हैं, जिस कारण उनका तबादले नहीं हो नहीं हो पाते। दबाववश हो भी गया तो कुछ ही दिन बाद ही वह फिर उसी हल्के में अपनी पदस्थापना करा लेते हैं।
अधूरी कार्रवाई का आरोप
भोपाल जिले की हुजूर और बैरसिया तहसील में 84-84 पटवारी सेवारत हैं। जबकि, कोलार तहसील में 15 पटवारी 3 साल से ज्यादा समय से जमे हुए थे। इनमें से सिर्फ 33 पटवारी और 4 निरीक्षकों को ही इधर-उधर किया गया है। जिस पर सवाल उठ रहे हैं।